
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को लखीमपुर खीरी के मुस्तफाबाद स्थित विश्व कल्याण आश्रम पहुंचे, जहां उन्होंने ‘स्मृति प्राकट्योत्सव मेला-2025’ में भाग लिया और पूज्य संतों को नमन किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गो सेवा और नेचुरल फार्मिंग पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि हर गाय के लिए सरकार 1500 रुपये प्रतिमाह दे रही है. वहीं गोमाता के संरक्षण के लिए जनप्रतिनिधियों को गोशालाओं की देखरेख करनी चाहिए. सीएम योगी ने कहा कि रासायनिक खेती से जमीन ऊसर हो रही है, इसलिए नेचुरल फार्मिंग अपनाएं. इससे फसलों का उत्पादन तो बढ़ेगा आपके खेत की भूमि उपजाऊ रहेगी.
वहीं एक गाय 30 एकड़ भूमि के लिए पर्याप्त जैविक खाद देती है. यही सच्ची राष्ट्रभक्ति है. उन्होंने कहा कि जल संसाधनों का संरक्षण, खेती की रक्षा और नशा मुक्ति, यही राष्ट्र की सच्ची सेवा है. दरअसल, खेती में बढ़ते केमिकल के इस्तेमाल को कम करने के लिए योगी सरकार किसानों को जैविक खेती और प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग दे रही है.
आपको बता दें कि प्राचीन काल में प्राकृतिक खेती हुआ करती थी. प्राकृतिक खेती में किसान भाई को बाजार से किसी भी दवा, बीज, कीटनाशक या खरपतवार नाशक की जरूरत नहीं होती है. वह खेत या प्रकृति से मिली चीजों को लेकर खेती करता है. इसमें देसी गाय के गोबर, गोमूत्र और अन्य प्राकृतिक उत्पादों का उपयोग किया जाता है. इस विधि में मिट्टी के स्वास्थ्य और उर्वरता को बनाए रखने के लिए जीवामृत, बीजामृत और नीमास्त्र जैसे मिश्रणों का उपयोग होता है, जिससे फसल की लागत कम होती है और उत्पादन में वृद्धि होती है.
यह पारंपरिक कृषि को बढ़ावा देती है और सुरक्षित तथा पौष्टिक भोजन प्रदान करती है. ऐसे में इसे जीरो बजट फार्मिंग भी कहते हैं. प्राकृतिक खेती का मतलब वह खेती जो प्रकृति पर निर्भर रहकर खेती करने से है.
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