सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद गेहूं का दाम कम होने का नाम नहीं ले रहा है. उपभोक्ता मामले विभाग के प्राइस मॉनिटरिंग डिवीजन के अनुसार 26 जुलाई को देश में गेहूं का अधिकतम दाम 4500 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है. यानी 45 रुपये किलो तक. जबकि औसत दाम 2633.9 रुपये प्रति क्विंटल रहा. हालांकि, न्यूनतम दाम 1700 रुपये प्रति क्विंटल ही है. जिन शहरों में सबसे ज्यादा दाम है उनमें चंडीगढ़, दिल्ली, करनाल, रायबरेली, राजनंदगांव, सिलवासा, अहमदाबाद, राजकोट, भुज, मुंबई, चंद्रपुर और अहमदनगर शामिल हैं. इनमें कुछ एरिया ऐसे हैं जहां पर गेहूं की खेती कम होती है जबकि कुछ ऐसी जगह हैं जहां पर इसकी बड़े पैमाने पर खेती की जाती है. इसके बावजूद दाम में तेजी है. सरकार गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन का भी दावा कर रही है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर दाम क्यों बढ़ रहा है?
कमोडिटी एक्सपर्ट इंद्रजीत पॉल का कहना है कि सरकार ने गेहूं के दाम को काबू करने के लगभग सारे उपाय कर लिए हैं. एक्सपोर्ट 13 मई 2022 से ही बैन है, ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत रियायती दर पर गेहूं बेचा जा रहा है. यही नहीं 12 जून से स्टॉक लिमिट भी लगी हुई है. अब एक ही उपाय रह गया है इंपोर्ट ड्यूटी कम करने या खत्म करने का. लेकिन वर्तमान में इंटरनेशनल मार्केट में गेहूं का रेट हाई है ऐसे में उसका भी कोई खास फायदा नहीं होगा. कुल मिलाकर हालात यही हैं कि पिछले वर्ष की तरह ही इस साल भी गेहूं का दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर जा सकता है.
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केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने 2022-23 में गेहूं का उत्पादन 113 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया है. दावा किया गया है कि इस बार पिछले साल से 4.6 फीसदी अधिक उत्पादन हुआ है. हालांकि, उद्योग जगत और एक्सपर्ट लगातार इस बात को नकार रहे हैं. निजी क्षेत्र सरकार के अनुमान से 10 फीसदी कम उत्पादन का अनुमान लगा रहा है. इस बीच जुलाई में खाद्यान्न स्टॉक जो छह साल में सबसे कम हुआ है उससे चिंता और बढ़ गई है. साथ ही अल नीनो के संभावित संकट को भी दाम बढ़ने की चिंता से जोड़कर ही देखने की जरूरत है.
इंद्रजीत पॉल का कहना है कि गेहूं और चावल के दाम को काबू में रखने के लिए जिस तरह का सरकारी स्टॉक चाहिए वो इस साल नहीं है. एक जुलाई को 559.37 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का भंडार है, जो फफर नॉर्म्स (411.20 LMT) से तो अधिक है, लेकिन पिछले छह साल का सबसे कम स्टॉक है. गेहूं के भंडार की बहुत अच्छी स्थिति नहीं है. धान की फसल पर अलनीनो का असर पड़ने की संभावना है. सरकारी स्टॉक की स्थिति से मार्केट में गेहूं और धान के दाम में उतार-चढ़ाव होता है. इसलिए इस साल भी दाम बढ़ने का अनुमान है.
उपभोक्ता मामले विभाग के अनुसार 26 जुलाई को गेहूं का थोक भाव दाम चंडीगढ़ में 2700, दिल्ली में 2550, करनाल में 2600, रायबरेली में 2600, राजनंदगांव में 3700, सिलवासा में 3500, अहमदाबाद में 2900, राजकोट में 3230, भुज में 3085, मुंबई में 3600, चंद्रपुर में 3400 और अहमदनगर में 3000 रुपये प्रति क्विंटल रहा.
Source: e-NAM
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