खरीफ 2025 में देशभर में सोयाबीन की बुवाई लगभग 119.69 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है, जो पिछले साल की तुलना में करीब 2 प्रतिशत ज्यादा है. यह जानकारी सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SOPA) ने दी. सोपा के मुताबिक, प्रमुख वृद्धि महाराष्ट्र और कर्नाटक में देखने को मिली है, जबकि मध्य प्रदेश में कुछ हिस्सों में किसानों ने मक्का की खेती की ओर रुख किया है. मध्य प्रदेश पिछले साल देश में सबसे ज्यादा सोयाबीन उत्पादन वाला राज्य रहा, लेकिन इस साल यहां अब तक बुवाई 51.9 लाख हेक्टेयर दर्ज की गई है, जो पिछले साल 52 लाख हेक्टेयर से मामूली रूप से कम है.
वहीं बुवाई का सरकारी आंकड़ा 51.04 लाख हेक्टेयर है. मध्य प्रदेश के अशोकनगर, गुना, शिवपुरी जैसे जिलों में मक्का की ओर रुझान देखा गया, जबकि भोपाल, राजगढ़ और बुरहानपुर में सोयाबीन का रकबा बढ़ा है. 'बिजनेसलाइन' की रिपोर्ट के मुताबिक, सोपा ने कहा कि महाराष्ट्र में अब तक बुवाई 48.2 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन बुवाई हुई है, जबकि पिछले साल इस अवधि तक 45 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई थी. वहीं, सरकारी आंकड़ाें के मुताबिक भी 48.24 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई दर्ज की जा चुकी है.
नासिक और सतारा में कुछ हिस्सों में किसानों ने मक्का, अरहर और कपास की खेती को प्राथमिकता दी है, लेकिन हिंगोली, नांदेड़ और जलगांव में सोयाबीन रकबा बढ़ा है. वहीं, कर्नाटक में 13 प्रतिशत बुवाई बढ़ी है और अब तक 4.22 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो गई है, जो पिछले साल 3.73 लाख हेक्टेयर थी.
इसके अलावा राजस्थान में रकबा घटकर 10.8 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले साल 11.12 लाख हेक्टेयर था, जबकि सरकारी आंकड़ा के मुताबिक अभी 9.7 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हुई है. तेलंगाना और गुजरात में भी सोयाबीन की बुवाई मामूली रूप से कम हुई है. तेलंगाना में रकबा घटकर 1.46 लाख हेक्टेयर (1.54 लाख हेक्टेयर) और गुजरात में 2.56 लाख हेक्टेयर (3.01 लाख हेक्टेयर) रह गया है.
SOPA के कार्यकारी निदेशक डी.एन. पाठक ने एक बयान में कहा, "देश के प्रमुख सोयाबीन उत्पादक राज्यों में सोयाबीन फसल की स्थिति समग्र रूप से सामान्य है. मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में फसल की सेहत अच्छी बताई गई है और पौधों की वृद्धि स्वस्थ रूप से हो रही है."