क‍िसानों का नुकसान करने के बावजूद कम नहीं हुआ गेहूं का दाम, क्या अब इंपोर्ट ड्यूटी घटाएगी सरकार?  

क‍िसानों का नुकसान करने के बावजूद कम नहीं हुआ गेहूं का दाम, क्या अब इंपोर्ट ड्यूटी घटाएगी सरकार?  

Wheat Price: एक ही साल में दो बार लाई गई ओपन मार्केट सेल स्कीम फ‍िर भी कम नहीं हुआ दाम. क‍िसानों को हुआ नुकसान, उपभोक्ताओं को नहीं म‍िला सस्ता आटा तो फ‍िर क‍िसे हुआ फायदा? क्या अब इंपोर्ट ड्यूटी कम करके दूसरे देशों से गेहूं मंगाने का रास्ता खोलेगी सरकार? 

र‍िकॉर्ड उत्पादन के बावजूद क्यों बढ़ रहा गेहूं का दाम? (Photo-Kisan Tak).  र‍िकॉर्ड उत्पादन के बावजूद क्यों बढ़ रहा गेहूं का दाम? (Photo-Kisan Tak).
ओम प्रकाश
  • New Delhi ,
  • Jul 13, 2023,
  • Updated Jul 13, 2023, 7:29 AM IST

केंद्र सरकार एक ही साल में दूसरी बार ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत र‍ियायती दर पर गेहूं बेच रही है. लेक‍िन, ताज्जुब की बात है क‍ि दाम कम नहीं हो रहा है, जबक‍ि सरकार ही खुद इस साल र‍िकॉर्ड उत्पादन का भी दावा कर रही है. दरअसल, ओपन मार्केट सेल के तहत आम उपभोक्ताओं को तो सस्ता गेहूं म‍िला नहीं है. इसका फायदा तो बड़े म‍िलर्स और कुछ सरकारी एजेंस‍ियों ने उठाया है. इनके जर‍िए इस योजना से क‍ितने लोगों को सस्ता आटा म‍िला सरकार ने अब तक इसका कोई आंकड़ा नहीं जारी क‍िया है. असल में तो इस योजना का उपभोक्ताओं को कोई खास फायदा म‍िला नहीं, लेक‍िन इससे क‍िसानों को नुकसान जरूर पहुंचा है. जब अप्रैल में उनकी गेहूं की फसल तैयार हुई थी उससे ठीक पहले सरकार ने सस्ता गेहूं बेचकर दाम ग‍िरा द‍िया. इससे क‍िसानों को प्रत‍ि क्व‍िंटल 1000 से 1500 रुपये तक का घाटा पहुंचा. थोड़े ही द‍िन बाद फ‍िर दाम जस के तस हो गए हैं. तो क्या अब गेहूं का दाम कम करने के ल‍िए सरकार कोई और दांव लगाएगी?

बाजार व‍िशेषज्ञों का कहना है क‍ि गेहूं को सस्ता करने के ल‍िए अब सरकार इंपोर्ट ड्यूटी कम करने का फैसला ले सकती है. ताक‍ि न‍िजी क्षेत्र सस्ते दर पर गेहूं का आयात कर सके और लोगों को महंगाई से राहत म‍िले. इस वक्त गेहूं पर 40 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी है. फ‍िलहाल, इस बारे में कोई अंत‍िम फैसला नहीं हुआ है. उधर, उपभोक्ता मामले व‍िभाग के प्राइस मॉन‍िटर‍िंग ड‍िवीजन के अनुसार बृहस्पत‍िवार 13 जुलाई को भारत में गेहूं का औसत दाम 29.65 रुपये प्रत‍ि क‍िलो तक की ऊंचाई पर पहुंच गया है. ऐसे में अब गेहूं की महंगाई सरकार की च‍िंता बढ़ा रही है.  

इसे भी पढ़ें: बासमती चावल का बंपर एक्सपोर्ट, पर कम नहीं हैं पाक‍िस्तान और कीटनाशकों से जुड़ी चुनौत‍ियां 

कहां से आयात हो सकता है?

कमोड‍िटी एक्सपर्ट इंद्रजीत पॉल का कहना है क‍ि अगर गेहूं की कीमतों में कमी नहीं आई तो सरकार कुछ द‍िनों में आयात शुल्क कम करने का कदम उठा सकती है. रूस और यूक्रेन से आयात हो सकता है. ये दोनों वैश्विक स्तर पर गेहूं के व्यापार में 25 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी रखते हैं. रूस में में इस समय गेहूं 1900 प्रत‍ि क्व‍िंटल जबक‍ि यूक्रेन में 1927 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल का दाम चल रहा है. इस पर अगर 40 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लगेगी तो आयात महंगा पड़ेगा. ऐसे में इंपोर्ट ड्यूटी आधी या जीरो हो सकती है. 

प‍िछली बार कब हुआ था गेहूं का आयात 

पॉल का कहना है क‍ि 2016 में भारत ने रूस-यूक्रेन और ऑस्ट्रेल‍िया से गेहूं आयात क‍िया था. तब पहले इंपोर्ट ड्यूटी 25 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी की गई थी और फ‍िर इसे शून्य कर द‍िया गया था. साल 2016-17 में हमने करीब 60 लाख मीट्र‍िक टन गेहूं आयात क‍िया था. फ‍िलहाल, मौजूदा हालात को देखते हुए भारतीय खाद्य निगम के चेयरमैन अशोक मीणा ने कहा है क‍ि जरूरत पड़ने पर भारत गेहूं पर इंपोर्ट ड्यूटी कम कर सकता है.  

गेहूं उत्पादन के दावे 

इस साल गेहूं के उत्पादन को लेकर अलग-अलग दावे क‍िए जा रहे हैं. केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने 2022-23 में गेहूं का उत्पादन 113 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया है, जो क‍ि प‍िछले साल से 4.6 फीसदी अधिक है. हालांक‍ि, उद्योग जगत ने इससे कम उत्पादन का अनुमान लगाया है. उद्योग जगत ने सरकार के अनुमान से 10 फीसदी कम उत्पादन की बात कही है. अभी अल नीनो के कारण मॉनसून की बारिश प्रभावित होने के कारण गेहूं का दाम और बढ़ने का अनुमान है.

ओपन मार्केट के तहत क‍ितना गेहूं ब‍िका

ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत सरकार ने 26 जनवरी से 15 मार्च 2023 के बीच बहुत सस्ते दर पर बड़े म‍िलर्स और कुछ सरकारी एजेंस‍ियों को 33 लाख टन गेहूं बेचा. अब दोबारा 15 लाख टन गेहूं इसी योजना के तहत बेच रही है. इसका दाम 2150 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है. क‍िसान नेता पुष्पेंद्र स‍िंंह का कहना है क‍ि इस स्कीम से उपभोक्ताओं को फायदा हुआ या नहीं लेक‍िन क‍िसानों को नुकसान जरूर पहुंचा है. जब क‍िसानों को अच्छा दाम म‍िलने की बारी थी उसी वक्त रेट कम कर द‍िया गया. जब क‍िसानों ने मजबूरी में गेहूं कम दाम पर बेच द‍िया फ‍िर रेट बढ़ गया.       

हालोक‍ि, गेहूं का दाम कम करने के ल‍िए ट्रेडर्स, होलसेलर्स, रिटेलर्स, बड़े चेन रिटेलर्स और प्रोसेसर्स के लिए गेहूं की स्टॉक ल‍िमि‍ट भी तय कर दी गई है, जो 31 मार्च 2024 तक जारी रहेगी. गेहूं एक्सपोर्ट पर 13 मई 2022 को लगी रोक अब भी जारी है, ताक‍ि दाम तेजी से न बढ़े. 

इसे भी पढ़ें: हर राज्य में उत्पादन लागत अलग तो एमएसपी एक क्यों, क‍िसानों के साथ कब होगा न्याय? 

 

MORE NEWS

Read more!