Summer Crops Area: चावल, दाल और मोटे अनाजों की बुवाई में उछाल, त‍िलहन ने क‍िया न‍िराश 

Summer Crops Area: चावल, दाल और मोटे अनाजों की बुवाई में उछाल, त‍िलहन ने क‍िया न‍िराश 

सभी ग्रीष्मकालीन फसलों को म‍िलाकर बात करें तो 12 अप्रैल तक 60.6 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवर क‍िया जा चुका है. जबक‍ि इस अवध‍ि तक प‍िछले साल 56 लाख हेक्टेयर का कवरेज था. यानी इस साल एर‍िया 4.5 लाख हेक्टेयर बढ़ गया है. प‍िछले साल के मुकाबले इस बार चावल की बुवाई करीब तीन लाख हेक्टेयर बढ़ गई है. जान‍िए अन्य फसलों का हाल. 

ग्रीष्मकालीन धान की बुवाई बढ़ी.
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Apr 13, 2024,
  • Updated Apr 13, 2024, 7:10 AM IST

केंद्रीय कृष‍ि मंत्रालय ने ग्रीष्मकालीन फसलों की बुवाई के नए आंकड़े जारी क‍िए हैं. ज‍िसमें पता चला है क‍ि चावल, दलहन और मोटे अनाजों की बुवाई के रकबे में प‍िछले साल के मुकाबले इजाफा हुआ है, जबक‍ि त‍िलहन फसलों का एर‍िया घट गया है. एक तरफ जहां दलहन की बुवाई में तेजी सुखद है तो वहीं त‍िलहन में प‍ीछे रहना च‍िंता बढ़ाने वाला है, क्योंक‍ि खाद्य तेलों के आयात पर भारत काफी पैसा खर्च कर रहा है. हालांक‍ि, इस साल क‍िसानों को बाजार में त‍िलहन फसलों का एमएसपी भी नहीं म‍िल पा रहा है इसल‍िए इसकी बुवाई के प्रत‍ि थोड़ी न‍िराशा द‍िखाई दे रही है. ग्रीष्मकालीन यानी जायद फसलें खरीफ की बुवाई से पहले और रबी की फसल के बाद उगाई जाती हैं.

सभी ग्रीष्मकालीन फसलों को म‍िलाकर बात करें तो 12 अप्रैल तक 60.6 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवर क‍िया जा चुका है. जबक‍ि इस अवध‍ि तक प‍िछले साल 56 लाख हेक्टेयर का कवरेज था. यानी इस साल एर‍िया 4.5 लाख हेक्टेयर बढ़ गया है. उधर, 12 अप्रैल तक ग्रीष्मकालीन चावल की बुवाई 29.61 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हो चुकी है. जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह स‍िर्फ 26.69 लाख हेक्टेयर थी. यानी चावल की रोपाई और बुवाई में हम प‍िछले साल के मुकाबले 2.9 लाख हेक्टेयर आगे हैं. चावल की महंगाई से जूझ रही जनता के ल‍िए इसका एर‍िया बढ़ना राहत की खबर हो सकती है.

इसे भी पढ़ें: सरसों, सोयाबीन और सूरजमुखी की MSP के ल‍िए तरसे क‍िसान, त‍िलहन त‍िरस्कार का है इंटरनेशनल कनेक्शन! 

दलहन का एर‍िया क‍ितना बढ़ा

भारत दल‍हन फसलों की कमी से जूझ रहा है. इस बीच इसका एर‍िया बढ़ने की खबर आई है. पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 11.28 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस बार लगभग 11.85 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज की सूचना आई है. यानी एर‍िया 0.57 लाख हेक्टेयर बढ़ गया है. मूंग और उड़द दाल की बुवाई में इजाफा हुआ है. मूंग 8.9 और उड़द 2.65 लाख हेक्टेयर में बोया जा चुका है. जायद सीजन की दालों का प्रमुख उत्पादक मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, पंजाब और तमिलनाडु हैं. 

मोटे अनाजों की बुवाई बढ़ी 

म‍िलेट्स यानी मोटे अनाजों (श्री अन्न) की बुवाई प‍िछले साल की इसी अवधि के दौरान 9.04 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस बार लगभग 10.18 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है. यानी 1.1 लाख हेक्टेयर एर‍िया बढ़ गया है. ज्वार, बाजरा और मक्के का एर‍िया बढ़ा है, जबक‍ि रागी का घट गया है. ग्रीष्मकालीन मोटे अनाजों में सबसे ज्यादा 5.6 लाख हेक्टेयर का एर‍िया मक्का का है. दूसरे नंबर पर बाजरा है ज‍िसकी बुवाई 4.1 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है. 

खाद्य तेल वाली फसलों का रकबा 

त‍िलहन फसलों की बुवाई में थोड़ी कमी आई है. पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 9.03 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस बार लगभग 8.99 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज की सूचना म‍िली है. यानी रकबा मामूली कम हो गया है. सबसे ज्यादा 4.4 लाख हेक्टेयर में त‍िल और 4 लाख हेक्टेयर में मूंगफली की बुवाई हो चुकी है. सूरजमुखी की बुवाई भी प‍िछले साल से ज्यादा हुई है. इसका रकबा 0.29 लाख हेक्टेयर है. 

इसे भी पढ़ें: MSP: सी-2 लागत के आधार पर एमएसपी क्यों मांग रहे हैं क‍िसान, क‍ितना होगा फायदा?

MORE NEWS

Read more!