तमिलनाडु में जारी उत्तर-पूर्वी मॉनसून की बारिश ने किसानों के लिए चिंता का कारण बन गई है. राज्य के कृषि मंत्री एमआरके पन्नीरसेल्वम ने बुधवार को बताया कि लगभग 16,000 हेक्टेयर खेत बारिश के पानी में डूब चुके हैं और फसलों को नुकसान पहुंचा है. उन्होंने कहा कि जहां भी 33 प्रतिशत से अधिक फसल खराब हुई है, वहां किसानों को मुआवजा दिया जाएगा. पन्नीरसेल्वम ने पिछली एआईएडीएमके सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उस समय धान की बोरियों को खुले में रखा जाता था, जिससे बारिश और नमी के कारण फसल को नुकसान होने का खतरा बना रहता था.
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने धान की खरीद और भंडारण प्रक्रिया को और मजबूत किया है. उन्होंने कहा, “हमने अधिक धान खरीदा है और नए स्टोरेज सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है, ताकि किसानों की फसल सुरक्षित रहे.”
मंत्री ने आगे कहा कि कड्डलोर और मैलादुतुरई जिलों में धान की खरीद पूरी हो चुकी है. केवल तिरुवरूर जिले के कुछ ही हिस्सों में स्टोरिंग बाकी है, जहां बोरियां सुरक्षित रखी जा रही हैं. उन्होंने विपक्ष पर भी आरोप लगाया कि वह केवल आलोचना के लिए गलत जानकारी फैलाते रहते हैं.
उधर, तमिलनाडु के उप मुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि उत्तर-पूर्वी मॉनसून राज्य के कई हिस्सों में सक्रिय है. चेन्नई, कांचीपुरम, तिरुवल्लूर और चेंगलपट्टु जिलों में लगातार भारी बारिश हो रही है. उन्होंने चेतावनी दी कि मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिनों में बारिश फिर तेज हो सकती है और यह पिछले साल की तुलना में और भी भारी हो सकती है.
उदयनिधि स्टालिन ने बताया कि सरकार लगातार मौसम की स्थिति पर नजर रख रही है और किसानों और आम जनता को नुकसान से बचाने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि यह बैठक विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने के लिए बुलाई गई थी कि बारिश से होने वाले नुकसान की भरपाई और राहत कार्य समय पर शुरू हो सके.
बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण तमिलनाडु में कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश दर्ज की गई हैं. मौसम विभाग ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है और किसानों से कहा है कि वे अपने खेतों और फसलों की सुरक्षा के लिए समय रहते प्रशासन से मदद लें. (एएनआई)