
महाराष्ट्र में भारी बारिश के चलते पहले ही सोयाबीन का उत्पादन इस बार कम हुआ है और उस पर से किसानों को बाजार में तय कीमत से कम पर इसे बेचना पड़ा है. ऐसे में उनकी मुश्किलें दोगुनी हो गई हैं. किसानों को बाजार में गारंटीड कीमत से करीब 1500 रुपये कम मिल रहे हैं. सरकार ने पहले तय किया था कि खरीद दिवाली के बाद शुरू हो जाएगी लेकिन अभी तक इसकी सिर्फ प्लानिंग ही चल रही है. सही समय पर मार्केटिंग बोर्ड को नोडल एजेंसी का स्टेटस दिया जा रहा है और खरीद को फिर से व्यवस्थित किया जा रहा है. लेकिन इस कन्फ्यूजन का खामियाजा किसानों को उठाना पड़ रहा है और खरीद में देरी हो रही है.
महाराष्ट्र समेत देश के दूसरे सोयाबीन उत्पादक राज्यों में सोयाबीन को 3500 से 4000 के बीच में बेचा जा रहा है. यह कीमत 1500 रुपये कम है. किसानों को उम्मीद थी कि उन्हें इस बार अच्छी कीमतें मिलेंगी लेकिन देश में सोयाबीन के उत्पादन में 15 से 20 फीसदी तक की गिरावट आई है और इस वजह से उन्हें नुकसान झेलने को मजबूर होना पड़ रहा है. मध्य प्रदेश में सोयाबीन के किसान भावांतर स्कीम पर उपज को बेच रहे हैं. इसकी वजह से बाजार में आवक बेहतर रही है. देशभर में सोयाबीन की कीमतें निचले स्तर पर हैं और बताया जा रहा है कि कीमतों पर दबाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़े हुए उत्पादन की वजह से पड़ रहा है. केंद्र सरकार ने इस बार सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5328 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. लेकिन इस बार बाजार में भाव कम है.
एक तरफ किसानों को कम उत्पादन की वजह से पहले ही आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. लेकिन वहीं कम कीमतें उन्हें दोहरी मुसीबत में डाल रही हैं. महाराष्ट्र में खरीद अभी तक गारंटीड कीमतों पर शुरू नहीं हुई है और ऐसे में किसानों को कम कीमतों पर उपज बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है. किसानों ने मांग की थी कि खरीद दिवाली से पहले शुरू हो और सरकार की तरफ से इसकी तैयारियां भी शुरू कर दी गई थीं. 7 अक्टूबर को एक मीटिंग हुई थी जिसमें खरीद की योजना पर चर्चा हुई थी. उस मीटिंग में महाराष्ट्र राज्य कृषि मार्केटिंग बोर्ड को नोडल एजेंसी का दर्जा दिया गया था. साथ ही उसे यह अधिकार भी मिला था कि वह मार्केट कमेटी और फार्मर प्रोड्यूसर कंपनियों (FPO) को खरीद केंद्र मुहैया कराए. मार्केट कमेटियों के कर्मियों को आदेश दिए गए थे कि वह एक सुचारू खरीद प्रक्रिया सुनिश्चित करतें.
शुक्रवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ऐलान किया है कि किसानों को तय कीमतों से कम पर सोयाबीन बेचने की जरूरत नहीं है. सरकार कपास और सोयाबीन की खरीद शुरू करने जा रही है. इस बार किसानों को इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा और 30 अक्टूबर तक उन्हें यह काम पूरा करना होगा. अगर वो ऐसा करने से चूके तो फिर उन्हें उपज की गारंटीड कीमतें नहीं मिल पाएंगी. इसलिए सीएम फडणवीस ने किसानों से कम कीमतों पर सोयाबीन नहीं बेचने की अपील की है.
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