गन्ने का भाव 10 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाने के बाद हरियाणा के सीएम मनोहरलाल खट्टर ने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि कई दिनों से मिलों में गन्ना नहीं गया है. किसानों की मांग अब पूरी कर दी गई है इसलिए वो गन्ना सप्लाई शुरू कर दें.ताकि किसी का नुकसान न हो. चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीएम ने चीनी मिलों के घाटे का रोना रोया. उन्होंने कहा कि मिलों के घाटे में चलने के बावजूद रेट बढ़ाया गया है. गन्ना मूल्य निर्धारण कमेटी ने तो 370 रुपये की सिफारिश की थी, जिसे उन्होंने 2 रुपये और बढ़ाकर 372 कर दिया. क्योंकि उन्हें यह पता है कि खेती की भी लागत बढ़ी है.
खट्टर ने कहा कि हरियाणा में पंजाब के मुकाबले अधिक गन्ने की पेराई होती है. चीनी के रेट कम हैं, जिससे मिलों को घाटा हुआ है. हरियाणा में कुल 11 सहकारी चीनी मिलें हैं, जिनका घाटा बढ़कर 5292 करोड़ रुपये हो गया है. हमारी अपेक्षा थी कि चीनी के भाव 3700 रुपये को पार करेगा, लेकिन अभी भी 3450 रुपये प्रति क्विंटल का ही रेट चल रहा है. इसलिए घाटा बढ़ रहा है. हमारी भी कठिनाई है, फिर भी किसानों की मांग उठी थी इसलिए हमने कृषि मंत्री की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी और दाम बढ़ाया. नया दाम पेराई सत्र के पहले दिन से लागू करेंगे.
इसे भी पढ़ें: Milk Price: किसानों को नहीं मिल रहा दूध का सही दाम, देश भर में अमूल मॉडल लागू करने की मांग
खट्टर ने बताया कि चीनी मिलों को घाटे से उबारने के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं. इसके लिए मिलों की पेराई क्षमता को बढ़ाया जा रहा है. करनाल, पानीपत, पलवल और सोनीपत मिल को अपग्रेड किया गया है. ताकि चीनी की रिकवरी बढ़ सके. प्राइवेट मिलों में 2020-21 के दौरान चीनी की रिकवरी 10.24 फीसदी थी. जबकि सहकारी मिलों में यह सिर्फ 9.75 फीसदी ही है. इस रिकवरी पर तो 297 रुपये क्विंटल ही रेट बनता है.
घाटा कम करने के लिए इसे बढ़ाने का प्रयास जारी है. शाहाबाद मिल में इथेनॉल का प्लांट लगा है. यमुनानगर मिल ने भी इथेनॉल प्लांट लगाया है. नारायणगढ़ में पावर प्लांट लगाकर आय बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है. चीनी की क्वालिटी बढ़ाने का प्रयास भी किया जा रहा है.
सीएम ने कहा कि फाइनेंशियल सिस्टम को देखा जाए तो मिलों की नेटवर्थ जीरो हो चुकी है. मिलों पर लोन 700 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. हमने किसानों को यह भी ऑफर किया है कि किसान खुद मैनेजमेंट बनाकर सहकारी मिलें चलाएं. किसान तैयार हों तो हम उन्हें मिल 1 रुपये में ट्रांसफर कर देंगे. एक जगह ऐसी बात भी चल रही है. जहां तक गन्ने के बकाया की बात है तो पिछले साल का कोई बकाया नहीं है. नारायणगढ़ मिल निजी है, सिर्फ उसका कुछ पैसा बकाया है.
सीएम ने कहा कि समाज में मिठास घोलने वाले हमारे गन्ना किसान समृद्ध हों, यही हरियाणा सरकार चाहती है. गन्ने का मूल्य बढ़ने पर शाहबाद-कुरुक्षेत्र के किसानों द्वारा आभार जताने पर मैं उनका धन्यवाद प्रकट करता हूं. किसान किसी के बहकावे में ना आएं, हम आपकी प्रत्येक समस्या को सुलझाने के लिए तैयार हैं. तुरंत गन्ना लेकर मिलों में जाएं, ताकि मिलें चालू हों. सरसों की फसल को सर्दी और पाले से नुकसान हुआ है. यह तय किया है कि 5 फरवरी से रेगुलर गिरदावरी होगी. जहां पर नुकसान होगा वहां पर मुआवजा दिया जाएगा.
ये भी पढ़ें: विकसित देशों को क्यों खटक रही भारत में किसानों को मिलने वाली सरकारी सहायता और एमएसपी?