बिचौलियों का खेल खत्म, द‍िवाली से पहले सीधे किसानों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की गई मोटी रकम

बिचौलियों का खेल खत्म, द‍िवाली से पहले सीधे किसानों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की गई मोटी रकम

Paddy Procurement: हर‍ियाणा में 33.47 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है, जबक‍ि इस बार 60 लाख टन खरीदने का लक्ष्य तय क‍िया गया है. हालांक‍ि, मंड‍ियों में धान का पर्याप्त उठान नहीं हो रहा है. इस साल सरकार 2300 रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर सामान्य किस्म के धान की खरीद कर रही है. जान‍िए बाजारा खरीद का क्या हाल है? 

धान का क‍ितना है एमएसपी? धान का क‍ितना है एमएसपी?
ओम प्रकाश
  • New Delhi ,
  • Oct 23, 2024,
  • Updated Oct 23, 2024, 9:37 AM IST

हरियाणा में नई सरकार के गठन के साथ ही एमएसपी पर धान की खरीद तेज हो गई है. अब तक सूबे की मंडियों में 37.78 लाख मीट्रिक टन धान की आवक हुई है. जिसमें से 33.47 लाख मीट्रिक टन की खरीद एजेंसियों ने कर ली है. हरियाणा को 60 लाख मीट्र‍िक टन धान की खरीद करने का टारगेट म‍िला है. सरकार ने किसानों और अपने बीच से बिचौलियों को हटा दिया है. अब किसानों के बैंक खाते में सीधे पेमेंट हो रही है. सेंट्रल पूल यानी बफर स्टॉक के लिए धान और बाजरा बेचने वाले किसानों को एमएसपी के तौर पर 5419 करोड़ रुपये की पेमेंट की जा चुकी है.

किसान संगठन राज्य सरकार पर खरीद में सुस्ती बरतने के आरोप लगा रहे थे, ऐसे में खरीद एजेंसियों को जल्द से जल्द खरीद करने और खरीदे गए धान और बाजरा का उठान करने के आदेश दिए गए हैं. खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक अब तक राज्य की मंडियों से करीब 24 लाख मीट्रिक टन धान का उठान किया जा चुका है. मंडियों में जगह जल्द से जल्द खाली की जा रही है ताकि धान बेचने आने वाले किसानों को परेशानी न हो. इस साल सरकार 2300 रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर सामान्य किस्म के धान की खरीद कर रही है.

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रजिस्ट्रेशन बिना खरीद नहीं

खरीफ खरीद सीजन 2024-25 के दौरान धान खरीदने के ल‍िए राज्य में 241 और बाजरा के ल‍िए 91 मंड‍ियां तय की गई हैं. अगर किसी किसान को एमएसपी पर धान बेचना है तो उसे 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर रज‍िस्टर्ड होना चाह‍िए. रज‍िस्ट्रेशन के ब‍िना सरकारी खरीद नहीं होगी. इस साल क‍िसानों को उपज बेचने के ल‍िए ऑनलाइन गेट पास निकालने की सुविधा दी गई है, ताक‍ि उन्हें इसके ल‍िए भटकना न पड़े. 

कहां हुई सबसे अधिक आवक

कुरुक्षेत्र जिले की मंडियों में सर्वाधिक 8 लाख 42 हजार मीट्रिक टन धान बिकने पहुंचा है. कैथल में 7.4 लाख मीट्रिक टन धान की आवक हुई है जबकि करनाल जिला में 7.3 लाख मीट्रिक टन धान बिकने आया है. अंबाला में 4.2 लाख, यमुनानगर में 3.9 लाख, फतेहाबाद में 2.7 लाख और जींद में 1.4 लाख मीट्रिक टन धान की आवक हो चुकी है.

क‍ितना खरीदा गया बाजरा?  

धान के साथ-साथ अन्य खरीफ फसलों की खरीद का काम भी किया जा रहा है. प्रदेश में 1 अक्टूबर से न्यूनतम समर्थन मूल्य परबाजरे की खरीद भी जारी है. अब तक 3,90,404 मीट्रिक टन बाजरा खरीदा जा चुका है. हालांकि, इस साल हरियाणा सरकार को 3.83 लाख मीट्र‍िक टन ही बाजरा खरीद करने का लक्ष्य दिया गया था. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत सेंट्रल पूल के लिए 1.52 लाख मीट्र‍िक टन तथा स्टेट पूल में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए 2.31 लाख मीट्र‍िक टन बाजरा खरीदे जाने का लक्ष्य दिया गया था.

कितने किसानों को लाभ मिला?

अब तक राज्य के 1,09,762 किसानों ने सरकार को बाजरा बेचा है. उन्हें एमएसपी के तौर पर 522 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया जा चुका है. केंद्र सरकार ने 2024-25 सीजन के लिए बाजरा का एमएसपी 2625 रुपये प्रति क्विंटल तय क‍िया है. बहरहाल, महेंद्रगढ़ जिले में सबसे अधिक 95095 मीट्रिक टन बाजऱा की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद की गई है. रेवाड़ी से 85965 मीट्रिक टन बाजरा खरीदा गया है. दक्षिण हरियाणा में बाजरा की बंपर पैदावार होती है.

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