प्याज पर 40 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने के खिलाफ महाराष्ट्र के किसानों और व्यापारियों दोनों में सरकार के खिलाफ गुस्सा है. दोनों ने अनिश्चितकाल के लिए मंडियों को बंद रखने का निर्णय लिया है. इससे महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मची हुई है. इस बीच केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने इस पूरे मसले पर सफाई देते हुए कहा कि सरकार के किसान और उपभोक्ता दोनों अहम हैं. दोनों के हितों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. गोयल ने कहा कि किसानों के हित के लिए नफेड और एनसीसीएफ दो लाख टन अतिरिक्त प्याज की खरीद करेंगे. इसकी खरीद 2410 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर होगी. जो ऐतिहासिक है. सरकार ने कभी भी इतने ऊंचे भाव पर किसानों से प्याज नहीं खरीदा था.
गोयल ने कहा कि सरकार लगातार किसानों और उपभोक्ताओं के हित में फैसले लेती है. संतुलन बनाकर काम किया जा रहा है जिससे कि किसानों को भी नुकसान न हो और उपभोक्ताओं को भी लाभ हो. ऐसे निर्णय लिए जा रहे हैं कि सभी का हित हो. सभी को लाभ हो यह हमारी प्राथमिकता रहती है. पिछले साल भी देखा गया था कि प्याज के किसानों को बहुत कम दाम मिल रहा था. नासिक, लासलगांव, पिंपलगांव, अहमदनगर और रतलाम के आसपास जब प्याज के दाम कम हुए तो किसानों के हित में बफर स्टॉक को 2 लाख टन से बढ़ाकर 3 लाख टन किया गया था.
इसे भी पढ़ें: एक्सपोर्ट ड्यूटी पर छिड़े विवाद के बीच जानिए भारत में प्याज उत्पादन और निर्यात की पूरी डिटेल
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस साल भी नाफेड और एनसीसीएफ द्वारा अब तक तीन लाख टन प्याज खरीदा जा चुका है. दोनों सहकारी एजेंसियों ने डेढ़-डेढ़ लाख टन की खरीद की है. इतनी अच्छी खरीद की वजह से प्याज का दाम बढ़ा है. किसानों को अपनी उपज के लिए सही दाम मिला है. इसी दौरान ऐसी खबरें भी आईं कि देश में प्याज के दाम बढ़ गए हैं. उपभोक्ताओं को तकलीफ हो रही है. उसका एक कारण यह भी है कि मौसम थोड़ा खराब चल रहा था. खरीफ-2023 की बुवाई भी देरी से होने के कारण संदेह था कि इस साल उपभोक्ताओं के लिए दाम ज्यादा बढ़ जाएगा.
इस बात को ध्यान में रखते हुए 17 अगस्त को सरकार ने दो बड़े फैसले किए. पहले फैसले में प्याज पर 40 पर्सेंट एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई. दूसरा फैसला किसानों के लिए किया गया. इसके तहत नफेड और एनसीसीएफ अब तीन लाख के बदले पांच लाख टन प्याज की खरीद करेंगे. तीन लाख टन खरीदा जा चुका है. अब दो लाख टन और खरीदने का फैसला हुआ है. यह निर्णय भी 17 अगस्त को ही हो गया था.
दोनों एजेंसियों ने अलग-अलग क्षेत्र में खरीद के सेंटर खोल दिए हैं. इस दो लाख टन प्याज की खरीद 2410 रुपये प्रति क्विंटल के दर पर होगी. यह ऐतिहासिक रेट है. आज तक प्याज का इतना ऊंचा रेट नहीं दिया गया. इससे पूरे मार्केट में किसानों को अच्छा दाम मिलेगा. अगर जरूरत पड़ी तो खरीद दो लाख टन से बढ़ाई भी जा सकती है. ताकि किसानों को प्याज का सही दाम मिले.
गोयल ने कहा कि एनसीसीएफ और नफेड देश के अलग-अलग इलाकों में उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए 25 रुपये प्रति किलो के भाव पर प्याज बेचेंगे. यह सब्सिडाइज्ड रेट होगा. सब्सिडी सरकार वहन करेगी. बिक्री उन क्षेत्रों में की जाएगी जिनमें प्याज ज्यादा महंगा हो गया है. हमारे लिए उपभोक्ता और किसान दोनों अमूल्य हैं. किसानों को अच्छा दाम मिले उसके लिए सही प्रयास किया जा रहा है. पहली बार सबसे ऊंचे भाव 2410 रुपये क्विंटल पर प्याज खरीदना शुरू किया गया है. खरीद को गति दी जाएगी. किसानों अच्छे दाम पर प्याज बेचें. चिंता करने की जरूरत नहीं है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि किसानों को अपने उत्पाद का अच्छा दाम मिले. उन्होंने कहा कि कुछ ऐसी खबरें भी हैं कि कुछ प्याज एक्सपोर्ट के लिए गया हुआ है. प्याज पर 40 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी लगने से पहले अगर पोर्ट के अंदर जाकर उसका शिपिंग बिल फाइनल हो गया है तो उस पर डीजीएफटी उचित फैसला लेगा. देश के प्याज उत्पादकों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनको कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है. किसानों को एक्सपोर्ट होने वाले प्याज का अधिकतम दाम 18-19 रुपये किलो मिल रहा है और हम 24 रुपये से अधिक दाम पर खरीद रहे हैं. हम तो किसान का फायदा करवा रहे हैं.
इसे भी पढ़ें: ओपन मार्केट सेल स्कीम के बावजूद क्यों नहीं घटी गेहूं-आटा की महंगाई?