
हरियाणा में पिछले कुछ दिनों से तापमान में लगातार गिरावट देखी जा रही है, जिससे किसानों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है. ठंड का मौसम गेहूं की फसल के लिए बेहद अनुकूल माना जाता है, और इसी वजह से इस बार गेहूं की बुआई तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है. ताज़ा स्थिति के अनुसार, राज्य में लगभग 90% गेहूं की बुआई पूरी हो चुकी है, और किसान अब पहली सिंचाई की तैयारी में जुटे हैं.
पिछले 15 दिनों में हरियाणा में अधिकतम तापमान में करीब 6°C और न्यूनतम तापमान में 3-4°C की गिरावट दर्ज की गई है. ये तापमान गेहूं की बुआई के लिए आदर्श माने जाते हैं. बुआई अक्टूबर के आखिरी सप्ताह से शुरू हुई थी और अब लगभग पूरी हो चुकी है. उत्तरी हरियाणा के जिलों- जैसे सोनीपत, पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर-में 90% से अधिक बुआई पूरी हो चुकी है.
गोहाना के भैंसवान खुर्द गांव के किसान भगत सिंह ने द ट्रिब्यून को बताया बताया कि इस बार मौसम बहुत अच्छा है और किसानों ने लगभग बुआई पूरी कर ली है. उनका कहना है कि यदि ऐसा मौसम बना रहा तो इस रबी सीजन में गेहूं की पैदावार बहुत अच्छी होगी. उन्होंने यह भी बताया कि DAP और यूरिया की कोई कमी नहीं हुई है.
हरियाणा कृषि विभाग के उप-मंडल अधिकारी देवेंद्र कूहाड़ के अनुसार, राज्य में बुआई लगभग खत्म हो चुकी है. उनका कहना है कि दिन का तापमान 20–22°C और रात का तापमान 10–12°C गेहूं के लिए सबसे उपयुक्त है. उन्होंने यह भी बताया कि किसान अब अपने बीज की जगह ज्यादा संख्या में प्रमाणित बीज खरीद रहे हैं, जिससे उत्पादकता बढ़ने की उम्मीद है.
कूहाड़ के अनुसार, इस समय गेहूं की फसल सीआरआई (Crown Root Initiation) स्टेज पर पहुंच चुकी है. इस स्टेज पर बुआई के 21 से 28 दिन बाद पहली सिंचाई करना बहुत जरूरी होता है. सही समय पर सिंचाई करने से फसल की जड़ें मजबूत होती हैं और पैदावार बेहतर मिलती है.
राज्य सरकार ने इस बार गेहूं की बुआई का लक्ष्य बढ़ाकर 63 लाख एकड़ कर दिया है, जो पिछले साल से 1.23 लाख एकड़ ज्यादा है. कुछ प्रमुख जिलों का लक्ष्य इस प्रकार है:
अनुकूल मौसम, समय पर बुआई, पर्याप्त खाद की उपलब्धता और सही सिंचाई के कारण किसानों और कृषि विभाग दोनों को इस बार बेहतर गेहूं उत्पादन की उम्मीद है. यदि आने वाले दिनों में मौसम इसी तरह बना रहा तो हरियाणा में इस रबी सीजन में गेहूं की फसल रिकॉर्ड पैदावार दे सकती है.
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