Onion Production: किसानों को ले डूबेगा प्‍याज से 'प्‍यार'! अब सरकार कैसे लगाएगी नैया पार?

Onion Production: किसानों को ले डूबेगा प्‍याज से 'प्‍यार'! अब सरकार कैसे लगाएगी नैया पार?

इस साल प्याज उत्पादन में 26.88% बढ़ोतरी से कुल अनुमान 307.89 लाख टन पहुंच रहा है, जबकि देश की खपत लगभग 200 लाख टन ही है. ऐसे में निर्यात और एक नियत मात्रा में प्‍याज सड़ने के बाद भी देश में भारी मात्रा मेें उपज उपलब्‍ध रहेगी. जानिए पूरा मामला आखिर बढ़ा हुआ उत्‍पादन कैसे किसानाें के लिए मुसीबत बन सकता है...

Onion production and price crisisOnion production and price crisis
प्रतीक जैन
  • नोएडा ,
  • Nov 27, 2025,
  • Updated Nov 27, 2025, 6:00 AM IST

देशभर में इस साल की शुरुआत से ही प्‍याज किसान कम दामों के चलते संकटग्रस्‍त हैं. उन्‍हें भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. लेकिन, बावजूद इसके किसानों का प्‍याज के लिए प्‍यार कम होने का नाम नहीं ले रहा है. अब एक बार फिर देश में बंपर उत्‍पादन
का अनुमान है. अब किसानों के सामने दाम का सकंट एक बार फिर गहराने की आशंका बढ़ गई है. यह उत्‍पादन इतना ज्‍यादा है कि देश की जरूरत (खपत) पूरी होने के बाद, अगर अध‍िकतम एक्‍सपोर्ट भी हो जाए, फिर इसके बाद कुछ प्रतिशत मात्रा में उपज की बर्बादी भी हो जाए तो भी देश के पास भारी मात्रा में प्‍याज बचा रहेगा. ऐसे में जब मंडियों में भारी मात्रा में प्‍याज की आवक होगी तो उन्‍हें सही दाम कैसे मिलेगा?

308 लाख टन प्‍याज उत्‍पादन का अनुमान

केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने बागवानी उत्‍पादन को लेकर अग्रिम अनुमान के आंकड़े जारी किए हैं. इसमें प्‍याज के उत्‍पादन में लगभग 27 प्रत‍िशत बढ़ोतरी होने की उम्‍मीद जताई जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, प्याज के उत्पादन में 26.88% की बड़ी वृद्धि हो सकती है. पिछले साल जहां प्याज का उत्पादन 242.67 लाख टन था, वह इस बार बढ़कर 307.89 लाख टन हो सकता है.

खपत के बाद भारी मात्रा में बचेगा प्‍याज

अब अगर भारत की खपत, एक्‍सपोर्ट और फसल बर्बादी के आंकड़े हटा भी लिए जाएं तो देश में अतिरिक्‍त प्‍याज बचेगी. साथ ही साथ देश के किसानों को कम दामों के संकट से भी जूझना पड़ सकता है. देश में प्‍याज का उत्‍पादन जहां 307.89 लाख टन होने का अनुमान है. वहीं, प्‍याज की खपत 193.16 लाख टन सालाना है. अगर लगभग 200 लाख टन भी खपत मान ली जाए तो 108 से 115 लाख टन प्‍याज देश में अतिरिक्‍त बचेगा. अब बात करते हैं इसके एक्‍सपोर्ट की. 

इतना है भारत का औसत प्‍याज निर्यात

भारत प्‍याज का बड़ा एक्‍सपोर्टर रहा है, लेकिन बीते कुछ सालों में घरेलू सप्‍लाई और कीमतों को नियंत्रण करने के चलते, केंद्र सरकार ने कई बार निर्यात पर शुल्‍क और बैन जैसी कार्रवाई की है. हालांक‍ि, अभी निर्यात शुल्‍क मुक्‍त है, लेकिन विदेशी खरीदार इन नीतियों के चलते छिटके हुए हैं.

पुराने आंकड़े बताते हैं कि भारत ने किसी साल में अध‍िकतम 25 लाख टन प्‍याज का एक्‍सपोर्ट किया है. वहीं, भारत का औसत प्‍याज निर्यात देखें तो यह 10 से 15 लाख टन है. अब बचे हुए 108 से 115 लाख टन प्‍याज में से 10 से 25 लाख टन प्‍याज निर्यात भी कर दिया जाएग तो 95-98 लाख टन प्‍याज और बचेगी.

भंडारण में सड़ने के बाद भी बचेगी उपज

वहीं, देश में हर साल एक नियत मात्रा में प्‍याज की उपज भंडारण और रखरखाव के दौरान खराब होती है. जानकारों का कहना है कि‍ तीन महीने में 10 प्रतिशत तक और 6 महीने में 30 प्रतिशत तक प्‍याज खराब हो जाती है. अगर सरकार एक्‍सपोर्ट नहीं बढ़ाती है तो यह आंकड़ा और ऊपर जाने की आशंका रहती है.

ऐसे में अगर इतनी मात्रा में प्‍याज खराब भी होती है तो भी मंडियों में इसकी भरमार रहेगी और किसानों को उचि‍त कीमतें नहीं मिलेगी. अब सवाल यह उठता है कि जहां पहले से प्‍याज किसान सरकार पर खराब नीतियाें को लेकर हमलावर रहते हैं. अब बढ़े हुए उत्‍पादन को वह कैसे मैनेज करेगी और किसानों को फसल के सही दाम कैसे दिलाएगी?

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