
भारत विविध खानपान वाला देश है, लेकिन अनाज और खास तौर से गेहूं इसकी खाद्य व्यवस्था का आधार है. लेकिन समय के साथ अब गेहूं की खपत में बदलाव साफ दिखाई रहा है. आंकड़े बताते हैं कि 2011-12 से 2022-23 के बीच देश में कुल अनाज उपभोग में अच्छी-खासी गिरावट आई है, चाहे ग्रामीण क्षेत्र हों या शहरी. आज हम आपको भारत में गेहूं की खपत के मौजूदा रुझान को राज्यवार पैटर्न और पिछले सालों में हुए बदलावों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं.
2025 के अनुमान के अनुसार, भारत हर दिन लगभग 261 मिलियन किलोग्राम (2610 लाख किलो) गेहूं की खपत करता है. यह आंकड़ा देश की सालाना 95 मिलियन टन (950 लाख टन) से अधिक गेहूं की खपत के आधार पर निकाला गया है. भारत में प्रति व्यक्ति गेहूं की खपत लगभग 66.7 किलोग्राम प्रति वर्ष है. यह बताता है कि देश में गेहूं अभी भी एक प्रमुख खाद्य पदार्थ है, खासकर उत्तर और मध्य भारत में.
आंकड़े बताते हैं कि गेहूं की कुल खपत का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा भारत के 11 राज्यों में है. राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग की जनसंख्या प्रक्षेपण रिपोर्ट 2020 के अनुसार, इन राज्यों में देश की 38 प्रतिशत आबादी रहती है.
सबसे ज्यादा गेहूं की खपत वाले राज्य:
HCES का डेटा बताता है कि पिछले एक दशक में भारत की अनाज खपत में निरंतर गिरावट आई है. ग्रामीण क्षेत्रों में 53.5 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रति दिन की औसतन गिरावट आई है और शहरी क्षेत्रों में 41.1 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रति दिन की औसतन गिरावट दर्ज हुई है. इस डाटा में सामने आया कि चावल की खपत ग्रामीण इलाकों में सबसे अधिक गिरी है. मोटे अनाज, जैसे बाजरा, ज्वार, मक्का, ये ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में घटे हैं. गेहूं की खपत में भी थोड़ा सी कमी दिखी, लेकिन यह स्थिरता की ओर संकेत करती है.
राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में प्रति व्यक्ति गेहूं खपत सबसे अधिक है. लेकिन एक दिलचस्प पहलू यह है कि इन सभी राज्यों में गेहूं की खपत 2011-12 से 2022-23 के बीच घटी है. गुजरात वह एकमात्र राज्य है जहां ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में गेहूं की खपत बढ़ी है.
NSSO की 2011-12 की रिपोर्ट बताती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में चावल की खपत 5.98 किलोग्राम प्रति व्यक्ति प्रति महीना रह गई. शहरी क्षेत्रों में यह 4.49 किलोग्राम प्रति व्यक्ति प्रति माह थी. गेहूं की खपत ग्रामीण क्षेत्रों में 2004-05 की तुलना में 0.1 किलोग्राम बढ़ी, जबकि शहरी क्षेत्रों में 0.35 किलोग्राम घटी है.
बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में चावल राष्ट्रीय औसत के मुकाबले अधिक खाया जाता है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, दिल्ली और महाराष्ट्र में गेहूं की खपत राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है.
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