महाराष्ट्र में प्री-मॉनसून बारिश के चलते किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. अब राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने वादा किया है कि बेमौसम बारिश और तूफान से प्रभावित किसानों को नुकसान का आकलन करने के बाद मुआवजा दिया जाएगा. अप्रैल और मई में हुई बेमौसम बारिश और तूफान ने विदर्भ क्षेत्र के अमरावती समेत कई जिलों में फसलों और फलों के बागों को भारी नुकसान पहुंचाया है.
अमरावती जिले के संरक्षक मंत्री बावनकुले ने कहा, 'हम किसानों को तुरंत मुआवजा देंगे. मैंने अधिकारियों से नुकसान का आकलन करने और जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने को कहा है.' अमरावती में उन्होंने कहा कि प्रभावित किसानों को मुआवजा जल्द से जल्द देने के कोशिशें जारी हैं. मंत्री ने कहा कि अधिकारियों की तरफ से तुरंत फसल नुकसान का आकलन यानी पंचनामा पूरा किया जाना चाहिए. बाद में इसे मुंबई में राज्य सचिवालय को एक प्रस्ताव पेश करना चाहिए. बावनकुले ने भरोसा दिलाया, 'हम मुआवजे की प्रक्रिया में तेजी लाएंगे और किसानों को बिना देरी के मुआवजा बांटा जाएगा.'
उन्होंने बेमौसम बारिश से हुए नुकसान की समीक्षा की और डिविजन कमिश्नर और जिला कलेक्टरों को मुआवजा प्रस्ताव प्रक्रिया को प्राथमिकता पर लेने का निर्देश दिया. उनका कहना था कि समय पर सहायता बहुत जरूरी है. मंत्री ने जानकारी दी कि उन्होंने प्रशासन को प्रभावित किसानों को राहत सुनिश्चित करने के लिए तेजी से काम करने का आदेश दिया है. शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार अप्रैल में बेमौसम बारिश और तूफान ने 1,174 गांवों में प्याज और गेहूं की फसलों के अलावा 794 हेक्टेयर केले, संतरे और पपीते के बागानों को नुकसान पहुंचाया. इससे 2.83 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है.
बावनकुले ने कहा कि मई में 325 गांवों में 13,639 हेक्टेयर में नुकसान की सूचना मिली थी. इस बारिश से मूंग, तिल, केला, संतरा, पपीता, प्याज, ज्वार और नींबू की फसलें प्रभावित हुईं. बारिश के कारण मानव और पशुधन का भी नुकसान हुआ. इससे अलग मई में अलग-अलग जगहों पर बिजली गिरने से तीन लोगों की जान चली गई. मंत्री ने बताया कि अप्रैल में 18 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा था और एक घर पूरी तरह से तबाह हो गया था. मई के महीने में 741 घरों को नुकसान हुआ था. साथ ही साथ जानवर के घर भी प्रभावित हुए थे. बावनकुले ने बताया कि मई में बेमौसम बारिश में 29 छोटे और 12 बड़े पशुओं की मौत की खबरें हैं. बावनकुले की मानें तो मृतकों के परिवारों को अनुग्रह राशि और पशुपालकों को पशुधन सहायता वितरित करने की प्रक्रिया चल रही है.
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