सालों से खेती करने वाले किसान अब लगातार खेती के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग करने लगे हैं. खेती करने वाले किसान पारंपरिक खेती को छोड़ ऐसी फसलों की ओर बढ़ रहे हैं जो अन्य किसानों से अलग है. अगर आप किसान हैं और ऐसे ही अनोखी फसल की तलाश में हैं तो लाल मूली बेहतर ऑप्शन है. लाल मूली की कीमत सफेद मूली से ज्यादा होती है. इस खबर में आपको बताने जा रहे हैं कि इसकी बाजार मांग क्यों अधिक है, और इसकी खेती का आसान तरीका क्या है.
लाल मूली की खेती करने का तरीका सफेद मूली की ही तरह होता है. इसकी बुवाई के लिए पहले खेत की अच्छी जुताई कर लीजिए. अब पूरे खेत में 10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से सड़ा गोबर पलट कर पाटा चला लीजिए. जब खेत में अच्छी तरह से गोबर मिल जाए तो खेत में क्यारियां बनाकर कतारबद्ध तरीके से मेड़ें बना लें. अब इन मेड़ों में बीज या फिर नर्सरी से लाए गए अच्छी क्वालिटी वाले पौध रोप दीजिए.
लाल मूली को एक बार वर्मी कंपोस्ट देने की जरूरत होती है. रोपाई के एक महीने के बाद 3 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट प्रति हेक्टेयर के हिसाब से दें. इस तरीके से मूली की अच्छी ग्रोथ होगी. सिंचाई की बात करें तो अधिक जलभराव ना करें. जब भी आपको महसूस हो कि मिट्टी की नमी सूख रही है तब आप सिंचाई कर सकते हैं. लाल मूली की सिंचाई के लिए टपक विधि सबसे अच्छी बताई गई है. अगर खेत में खरपतवार निकल आए हैं तो खुरपी की मदद से निराई करें.
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आपको बता दें कि 2 महीने के भीतर ही लाल मूली की फसल तैयार हो जाती है. अब पत्ते थोड़े पीले पड़ने लगे तो किनारे एक मूली खोद कर देख लें अगर अपना आकार ले चुकी है तो खुदाई कर सकते हैं. आप एकड़ के खेत से 54-55 क्विंटल पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.
लाल मूली की कीमत सफेद मूली के मुकाबले थोड़ी अधिक होती है. इसके हेल्थ बेनिफिट्स की बात करें तो ये सफेद मूली की तुलना में अधिक फायदेमंद माना जाता है. लाल मूली में विटामिन-सी, एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर और पोटैशियम जैसे कई फायदेमंद पोषक गुण पाए जाते हैं. इसे बेस्ट इम्यूनिटी बूस्टर कहा जाता है. फाइबर होने की वजह से पाचन शक्ति को भी मजबूत बनाती हैं. लाल मूली बीपी, शुगर और हार्ट की हेल्थ के लिए भी फायदेमंद बताई जाती है. इस मूली को स्किन के लिए भी अच्छा बताया गया है.