जम्मू के एक किसान ने फूलगोभी की खेती में कमाल कर दिया है. इस किसान का नाम सोहन लाल शर्मा है. सोहन लाल शर्मा पहले परंपरागत सब्जियों की खेती करते थे. कमाई मन लायक नहीं होती थी. सो, उन्होंने महंगी सब्जियों की खेती शुरू की. आज स्थिति ये है कि एक एकड़ खेत में उन्हें लगभग चार लाख रुपये तक की कमाई हो रही है. सोहन लाल शर्मा फूलगोभी की जिन किस्मों की खेती करते हैं, उनमें कैरोटिना, वेलेंटिना और ब्रोकली शामिल हैं.
आइए इन तीनों फूलगोभी के बारे में जानते हैं जिनसे जम्मू के किसान सोहन लाल शर्मा की बंपर कमाई हो रही है.
यह फूलगोभी की ऐसी किस्म है जो पीले रंग की होती है. बाकी गोभी सफेद रंग की होती है. लेकिन कैरोटिना का पील रंग बेहद आकर्षक होता है. यह गोभी 75 से 85 दिनों में तैयार होती है. इस गोभी में विटामिन ए प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. पीले रंग के साथ इसके फूल का साइज भी बड़ा होता है. पोषक तत्वों से भरपूर यह गोभी खाने में भी स्वादिष्ट होता है. यह गोभी ठंडी जगहों पर होती है. सबसे बड़ी खासियत ये होती है कि एक फूलगोभी का वजन 1-2 किलो होता है. यह रबी सीजन की गोभी जिसे देश के कई राज्यों में उगाया जाता है.
वेलेंटिना फूलगोभी का रंग बैंगनी होता है. देखने में यह फूलगोभी बाकी वेरायटी की तुलना में अधिक खूबसूरत होती है. गोभी की यह किस्म 75-85 दिनों में तैयार होती है. इस गोभी में एंथोसायनीन नामक एंडीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है. इसी एंथोसायनीन के कारण वेलेंटिना गोभी का रंग बैंगनी होता है. इस गोभी में पोषक तत्व अधिक मात्रा में पाए जाते हैं. इस वेरायटी की खेती ठंडे स्थानों पर की जाती है. इस फूलगोभी के फूल का वजन 1-2 किलो तक होता है. रबी सीजन में इसकी खेती की जाती है.
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इन दोनों गोभी के दाम सामान्य गोभी की तुलना में दोगुना अधिक तक जाता है. इसका अर्थ हुआ कि किसान अगर 10 रुपये किलो सफेद या सामान्य फूलगोभी बेचते हैं, तो कैरोटिना और वेलेंटिना के दाम प्रति 20 रुपये तक मिल सकते हैं. इन दोनों गोभी के बारे में कहा जाता है कि बनाते समय हल्दी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे फूलगोभी का रंग काला पड़ जाएगा.
ब्रोकली भी एक तरह की फूलगोभी है जो किसी भी तरह की मिट्टी में उगाई जाती है. जिस क्षेत्र में फूलगोभी और पत्तागोभी की खेती होती है, वहां ब्रोकली की खेती की जा सकती है. दिसंबर अंत में अगर ब्रोकली की खेती कर दें तो मार्च से उत्पादन मिलना शुरू हो जाता है. बीज बुआई से लेकर उपज लेने तक लगभग चार महीने का समय लग जाता है. कम लागत में अधिक उत्पादन लेने के लिए ठंड में इसकी खेती करनी चाहिए. एक एकड़ ब्रोकली की खेती पर लागत लगभग 25 हजार रुपये आती है. एक एकड़ में 35-3600 किलो तक ब्रोकली उग जाती है. थोक भाव 35 रुपये मान कर चलें तो ब्रोकली से आराम से प्रति हेक्टेयर सवा लाख तक की कमाई हो जाती है. इसमें 25 हजार का खर्च काट दें तो एक लाख रुपये की शुद्ध बचत है, वह भी चार महीने में.