सूरजमुखी की खरीद पर हर‍ियाणा के ड‍िप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने तोड़ी चुप्पी, कर द‍िया बड़ा दावा

सूरजमुखी की खरीद पर हर‍ियाणा के ड‍िप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने तोड़ी चुप्पी, कर द‍िया बड़ा दावा

Sunflower Price:  दुष्यंत चौटाला ने कहा क‍ि हरियाणा सूरजमुखी फसल का सर्वाधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य देने वाला राज्य है. प्रदेश में 5000 रुपये प्रति क्विंटल की खरीद हो रही है और 1000 रुपये भावांतर भरपाई योजना से मिल रहा है. पंजाब, मध्य प्रदेश और कनार्टक में नहीं म‍िल रहा इतना दाम. 

हर‍ियाणा में क‍ितना है सूरजमुखी का दाम (Photo-Kisan Tak). हर‍ियाणा में क‍ितना है सूरजमुखी का दाम (Photo-Kisan Tak).
ओम प्रकाश
  • New Delhi ,
  • Jun 18, 2023,
  • Updated Jun 18, 2023, 9:20 PM IST

हर‍ियाणा के ड‍िप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने भी सूरजमुखी की खरीद को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ दी है. लेक‍िन अपनी बड़ाई करने के ल‍िए सीएम मनोहरलाल की तरह उन्होंने दूसरे राज्यों में चल रहे दाम का सहारा ल‍िया. फतेहाबाद के गांवों का दौरा करते हुए चौटाला ने कहा कि हरियाणा सूरजमुखी फसल का सर्वाधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देने वाला राज्य है. प्रदेश में 5000 रुपये प्रति क्विंटल के रेट पर खरीद हो रही है और 1000 रुपये भावांतर भरपाई योजना से मिल रहा है. जबकि पंजाब में सूरजमुखी का भाव 4200 रुपये और मध्य प्रदेश में 3800 रुपये प्रति क्विंटल है. कर्नाटक में 4000 रुपये से कम में सूरजमुखी फसल की खरीदी जा रही है. 

ड‍िप्टी सीएम ने कहा कि किसानों को सरसों की फसल बेचने में किसी प्रकार की दिक्कत न आए, इसके लिए भी सरकार ने पुख्ता प्रबंध किए थे. मंडियां निर्धारित की गई थीं. आगामी सीजन में सरसों खरीद के लिए मंडियों के अलावा गांवों में भी खरीद सेंटर बनाए जाएंगे, ताकि किसानों की फसल उनके घर के नजदीक खरीद केंद्र पर ही खरीदी जा सके. बता दें क‍ि सूरजमुखी को भावांतर भरपाई योजना के तहत खरीदने के व‍िरोध में 6 से 13 जून तक कुरुक्षेत्र में क‍िसान आंदोलन चला था. इस दौरान क‍िसानों ने दो बार जीटी रोड जाम कर द‍िया था. एमएसपी पर फसल खरीदने की मांग कर रहे क‍िसानों ने दुष्यंत चौटाला के ख‍िलाफ भी जमकर भड़ास न‍िकाली थी. 

इसे भी पढ़ें: Farmer Protest: भावान्तर योजना पर हरियाणा के कृषि मंत्री का बड़ा बयान, कहा- होगी पूरी भरपाई

कोरोना काल में बनाई गई थीं 1800 मंड‍ियां

चौटाला ने दावा क‍िया क‍ि प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में कई काम किए हैं. कोरोना काल में 1800 से भी ज्यादा मंडियां स्थापित करके उनकी फसल की खरीद की गई. जबक‍ि पहले किसानों को फसल बेचने के ल‍िए मंडी में दो-दो दिन तक इंतजार करना पड़ता था. अब किसानों की फसल दो घंटे में खरीद ली जाती है. यही नहीं फसल खरीद का पैसा किसानों के बैंक खाते में सीधे भेज द‍िया जाता है. 

सेम की समस्या का होगा समाधान

चौटाला ने कहा कि भट्टू क्षेत्र में सेम की समस्या का समाधान करने के लिए हिसार-घग्गर ड्रेन की सफाई की जाएगी. दरअसल, नहरों के पानी के रिसाव के कारण आसपास की जमीन दलदली हो जाना ही सेम की समस्या होती है. यह आमतौर पर नहरी इलाकों में होती है. उन्होंने अधिकारियों को सेम की समस्या के समाधान के निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने पिछले तीन वर्षों में सेम और जलभराव की समस्या से समाधान के लिए 1900 करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर काम किया है. 

खेतों के लिए म‍िलेंगे सोलर पंप

ड‍िप्टी सीएम ने कहा क‍ि किसानों को खेतों के लिए सोलर पंप दिए जाएंगे. किसान पोर्टल पर सोलर पंप लगाने के आवेदन के लिए आगे आए, सरकार उनको प्रोत्साहित करेगी. उन्होंने कहा क‍ि गांवों की ढाणियों में पीने के पानी की सप्लाई 'जल जीवन मिशन' के तहत दी जाएगी. इसके लिए लोग अप्लाई कर सकते हैं. खेतों के रास्तों को खेत-खलिहान योजना के तहत पक्का करवाया जाएगा. उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि वे गांव की सामूहिक मांगों को ग्राम दर्शन पोर्टल के माध्यम से सरकार के पास भेज सकते हैं, सरकार उन पर काम करेगी. 

फसल मुआवजा का दायरा बढ़ा

चौटाला ने कहा कि जलभराव व बेमौसमी बारिश से जिन किसानों की फसलें खराब हुई हैं उनको भी क्षतिपूर्ति पोर्टल पर मूल्यांकन करवाकर एक माह में मुआवजा दिया गया है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत जिन किसानों की फसल का बीमा था पहले उन्हें प्रदेश सरकार द्वारा मुआवजा नहीं दिया जाता था, लेकिन अब प्रदेश सरकार ऐसे किसानों को भी फसल का मुआवजा खराबी के प्रतिशत के आधार पर देगी. 

इसे भी पढ़ें: क्या है भावांतर भरपाई योजना, इसके ख‍िलाफ क्यों शुरू हुआ क‍िसान आंदोलन?

 

MORE NEWS

Read more!