Farmer Protest: भावान्तर योजना पर हरियाणा के कृषि मंत्री का बड़ा बयान, कहा- होगी पूरी भरपाई

Farmer Protest: भावान्तर योजना पर हरियाणा के कृषि मंत्री का बड़ा बयान, कहा- होगी पूरी भरपाई

Haryana Farmer Protest: कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि सूरजमुखी के भावान्तर की रकम मात्र 1000 रुपये प्रति क्विंटल नहीं है. यह इससे भी अधिक हो सकती है. एक हजार रुपये ही फाइनल रकम है ऐसा कहकर कन्फ्यूजन पैदा किया जा रहा है. जबकि भावान्तर के तहत सरकार किसानों को पूरा पैसा देगी.

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Farmer Protest: भावान्तर योजना पर हरियाणा के कृषि मंत्री का बड़ा बयान, कहा- होगी पूरी भरपाईकिसान आंदोलन पर क्या बोले हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल.

 

सूरजमुखी की एमएसपी पर खरीद करने और उसे भावान्तर भरपाई योजना से बाहर निकालने की मांग को लेकर कुरुक्षेत्र में चल रहे आंदोलन पर हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बड़ी बात कही है. 'किसान तक' से बातचीत में उन्होंने कहा कि भावान्तर योजना के तहत सूरजमुखी किसानों को बाजार भाव और एमएसपी के बीच जो भी अंतर होगा उसकी पूरी भरपाई की जाएगी. प्रति क्विंटल 1000 रुपये की भरपाई तो शुरुआती रकम है. किसानों का घाटा होने पर पैसा और बढ़ाया जाएगा. किसान संगठनों को यह बात पहले ही बता दी गई थी.

दलाल ने कहा कि इस चीज को क्लियर करना चाहूंगा कि सूरजमुखी के भावान्तर की रकम मात्र 1000 रुपये प्रति क्विंटल नहीं है. यह इससे भी अधिक हो सकती है. दाम की जैसी भी स्थिति आएगी वैसा फैसला लिया जाएगा. एक हजार रुपये ही फाइनल रकम है ऐसा कहकर कन्फ्यूजन पैदा किया जा रहा है. जबकि भावान्तर के तहत सरकार किसानों को पूरा पैसा देगी.

किसानों नेताओं को दी गई थी जानकारी

यह पूछने पर कि सरकार ने जो आदेश जारी किया है उसमें तो ऐसा कुछ नहीं लिखा है. दलाल ने कहा कि यह फैसला तो आगे सरकार को करना है. किसान नेताओं को यह बात बैठक करके बताई थी. सरकार के फैसलों पर कोई थर्ड पर्सन इस तरह से बदलने का दबाव नहीं बना सकता. चुनी हुई सरकार है. कोई कुछ भी कहेगा तो क्या उसे मान लिया जाएगा. भावान्तर से किसानों को कोई दिक्कत नहीं थी, दिक़्क़त सिर्फ नेताओं को थी. उनका अपना एजेंडा है. उन्होंने सब जानने के बाद भी 6 जून को आंदोलन का करने का फैसला किया. 

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भावान्तर में  क्यों लाई गई सूरजमुखी?

जो फसल एमएसपी में कवर्ड है उसको भावांतर में ले जाने का क्या लॉजिक है? इस सवाल के जवाब में दलाल ने कहा कि हरियाणा में सबसे अधिक 14 फसलें एमएसपी पर खरीदी जा रही है. सरकर्णक काम सिर्फ फसल ही संभालना नहीं है. इसलिए हम भावांतर दे रहे हैं, ताकि जिसे भी जरूरत हो वो एमएसपी पर सूरजमुखी खरीदे. 
पिछले साल सूरजमुखी का बाजार भाव एमएसपी से अधिक था. तब किसानों ने उसे ओपन मार्केट में बेचा. इस साल भाव कम है इसलिए हम भावान्तर योजना में शामिल करके नुकसान की भरपाई कर रहे हैं.

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आंदोलन करने वालों को तो बहाना चाहिए

जेपी दलाल ने कहा कि कुछ लोग आंदोलन करके सरकार पर सवाल उठाने का बहाना ख़ोजते रहते हैं. कुछ लोग हैं जिनको बस आंदोलन जारी रखना है. चाहे कोई मुद्दा जायज हो या न हो. हरियाणा के अंदर 90 लाख एकड़ भूमि में खेती होती है, जिसमें से मुश्किल से 55 हजार एकड़ में सूरजमुखी की खेती होती है. वो भी सिर्फ दो-तीन जिलों में. हमें खुशी है कि आम किसान भ्रम फैलाने वाले लोगों के साथ नहीं है.

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