Best Kharif Crops: भारत में मॉनसून के साथ-साथ आने वाले खरीफ सीजन के दौरान कई तरह की फसलें अच्छे ढंग से उगाई जा सकती हैं. खरीफ की कुछ बेहतरीन फसलों में चावल, मक्का, कपास, दालें (जैसे अरहर, उड़द, हरा चना), तिलहन (जैसे मूंगफली, सोयाबीन) और गन्ना शामिल हैं. ये फसलें मॉनसून की गर्म, नम परिस्थितियों में पनपती हैं. यहां कुछ बेहतरीन खरीफ फसलों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं.
1. चावल: कई लोगों के लिए यह मुख्य भोजन वाली फसल है जो धान के रूप में उगाई जाती है. धान खरीफ मौसम के बरसाती सीजन में पनपता है. इससे अनाज की जरूरत पूरी होने के साथ ही किसानों की कमाई भी बढ़ती है.
2. मक्का: भोजन और पशुओं के चारे के लिए उगाया जाने वाला मक्का किसानों के लिए बहुत ही मददगार फसल है. इसे बेचकर किसान अधिक कमाई कर सकते हैं. पोल्ट्री फीड के अलावा इथेनॉल के बाजार ने मक्का को फायदेमंद खेती बना दिया है.
3. कपास: कपास एक नकदी फसल है, जिसे मॉनसून में बड़े पैमाने पर उगाया जाता है. महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों में बड़े पैमाने पर इसकी खेती होती है. किसान इसे तुरंत बाजार में बेचकर कमाई करते हैं. अगर सही रेट नहीं मिले तो किसान इसे स्टोर कर लेते हैं और दाम अच्छा मिलने पर बेचते हैं.
4. दालें: अरहर, उड़द और हरा चना जैसी फसलें प्रोटीन और मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं. भारत सरकार ने दालों की उपज को एमएसपी पर खरीदने का ऐलान किया है. उसके बाद इन फसलों की खेती की मांग और प्रचलन तेजी से बढ़ा है.
5. तिलहन: मूंगफली, सोयाबीन और तिल खाद्य तेल उत्पादन में योगदान करते हैं. भारत चूंकि बड़े पैमाने पर तेलों का आयात करता है, इसलिए किसानों को तिलहन फसलें उगाने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है. इसमें किसानों को सब्सिडी जैसी स्कीम का लाभ भी दिया जा रहा है ताकि वे अधिक से अधिक तिलहन की खेती करें.
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6.गन्ना: उच्च उपज देने वाली फसल, गन्ना खरीफ की नमी वाली मिट्टी से लाभ उठाता है. गन्ना को भी नकदी फसल के तौर पर देखा जाता है क्योंकि किसान इसकी कटाई कर चीनी मिलों में सप्लाई करते हैं जहां से उन्हें पैसे मिलते हैं. एक बार गन्ना लेकर उसे 2-3 बार तक काटा जा सकता है.
7. अन्य खरीफ फसलें: ज्वार, बाजरा, भिंडी, बैंगन और करेला भी आमतौर पर इस मौसम में उगाए जाते हैं. ये सब्जी फसलें किसानों को कम समय में अच्छी कमाई देती है.
भारी बारिश में फसलों को बचाना बहुत जरूरी होता है क्योंकि इससे फसल के नष्ट होने का खतरा बढ़ जाता है. तो आइए जानते हैं कि बारिश में फसलों को कैसे बचाना है.
किसान खेतों में क्यारियां बना सकते हैं ताकि फसल की जड़ में अधिक पानी नहीं लगे. इन क्यारियों के माध्यम से पानी की अधिक मात्रा खेत से बाहर भी निकाल सकते हैं. खेतों में पाइप भी लगा सकते हैं जिससे खेत में जमा पानी बाहर निकल जाता है. अधिक पानी से फसलों का नुकसान न हो, इसके लिए खेत में मेड़ बनाकर उस पर फसल लगानी चाहिए. इससे अत्यधिक पानी का असर फसलों की जड़ों पर नहीं होगा.
बरसात में खेत में पानी लगने का खतरा सबसे अधिक होता है. अगर इस पानी को समय से नहीं निकाला गया तो फसल सड़ सकती है. इस पानी से फसल को बचाने के लिए सबसे अच्छा तरीका मल्चिंग यानी पलवार को माना जाता है. पानी को सोखने के लिए किसान खेत में मल्च जैसे कि पुआल, पत्ते और लकड़ी का बुरादा डाल सकते हैं. ये चीजें पानी को सोखती हैं और खेत में अत्यधिक नमी को कम करती हैं. ध्यान रहे कि बरसात का मौसम दिखे तो यह काम न करें क्योंकि बारिश के पहले ये चीजें अधिक से अधिक पानी को अपने अंदर सोखकर जमीन को और अधिक गिला बना सकती हैं.
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