सरसों की कटाई लगभग खत्म हो चुकी है. ऐसे में मंडियों में सरसों की आवक शुरू हो चुकी है, लेकिन इसका भाव किसानों को पिछले साल की तुलना में काफी कम मिल रहा है. इस साल सरसों का एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य 5450 रुपये प्रति क्विंटल है. किसानों को इससे कम में सरसों की फसल बेचनी पड़ रही है. हालांकि, होली की वजह से ज्यादातर किसान मंडियों में अपनी फसल नहीं ले जा रहे हैं, लेकिन शुरुआती रुझानों में सरसों 5 हजार से 5500 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रही है. सरसों तेल के भाव भी जनवरी की तुलना में काफी कम हुआ है. तेल के भाव में गिरावट का मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में पॉम ऑयल की कीमत कम होना है. सरसों की कीमत से संबंधित जानकारी के लिए किसान तक ने राजस्थान की कई अनाज मंडियों में व्यापारियों से बात की. आइये जानते हैं कहां पर कितनी कीमत है-
किसान तक से बातचीत में अलवर कृषि मंडी में क्षेत्र उपनिदेशक इशाक हारुन कहते हैं, “सरसों की आवक मंडियों में शुरू हो चुकी है. हालांकि अभी काफी कम मात्रा में सरसों आ रही है. अलवर मंडी में अभी 50 किलो वाले 8-10 हजार कट्टे आ रहे हैं. भाव पांच हजार से 5400 रुपये प्रति क्विंटल का है.” वहीं, सवाईमाधोपुर में गंगापुर सिटी अनाज मंडी में सचिव बलवीर सिंह कहते हैं कि गंगापुर में दो तहसील बामनवास और गंगापुर से ज्यादा किसान अनाज लाते हैं. फिलहाल रोजाना चार हजार क्विंटल तक सरसों की आवक हो रही है. भाव सरसों में नमी पर आधारित होते हैं. चूंकि अभी सरसों में काफी नमी आ रही है. इसीलिए भाव पांच हजार रुपये प्रति क्विंटल तक है.
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जयपुर की कुकरखेड़ा कृषि मंडी में भी भाव 5200 रुपये तक है. राजधानी कृषि उपज मंडी में सचिव भगवान सहाय बताते हैं, “सरसों में अभी नमी काफी आ रही है. इसीलिए भाव कम है. फिलहाल 10-14 प्रतिशत तक नमी है और भाव पांच हजार से 5300 के बीच में हैं.”
इस साल पूरे देश में सरसों की पिछले साल की तुलना में बुवाई अधिक हुई है. पिछले साल देश में 90 लाख हेक्टेयर में सरसों की बुवाई हुई थी और उत्पादन करीप 111 लाख टन था. इस बार पिछले साल से आठ प्रतिशत यानी 97 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई है. इससे करीब 110 लाख टन उत्पादन की उम्मीद है.
इसी तरह राजस्थान में पिछले साल 34 लाख हेक्टेयर में सरसों की बुवाई हुई थी. इस साल यह करीब 38 लाख हेक्टेयर है. सरसों, तारामीरा, अलसी की कुल बुवाई 39.42 लाख हेक्टेयर भूमि में हुई है. ज्यादा बुवाई और मांग कम होने के कारण सरसों के भाव अभी बाजार में गिरे हुए हैं.
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राष्ट्रीय किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट से किसान तक ने बात की. वे कहते हैं, “सरसों की कटाई शुरू हो गई है. होली के बाद किसान इसे मंडी में बेचने ले जाएंगे. चूंकि इस साल बुवाई ज्यादा है इसीलिए फिलहाल बाजार में भाव काफी कम है.
राजस्थान में टोंक जिले के डोडवाड़ी गांव के किसान गोपीराम ने 15 बीघा में सरसों बोई है. किसान तक से बातचीत में वे बताते हैं कि हमारे गांव में सरसों का भाव 4500 रुपये प्रति क्विंटल तक आ गया है. सरसों की कटाई चालू है, लेकिन अभी इसमें नमी है. इसीलिए व्यापारी कीमत कम लगा रहे हैं.
भावों में गिरावट सिर्फ सरसों की ही नहीं बल्कि इसके तेल में भी आ रही है. इसके अलावा सोया और पॉम ऑयल की कीमतें भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कम हो रही है. कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गुजरात के कांडला पोर्ट पर सोयाबीन तेल 110 रुपये प्रति किलो और पॉम ऑयल 92 रुपये प्रति किलो के भाव से पहुंच रहा है. इसीलिए सरसों के तेल के भाव भी गिरे हैं. जनवरी में सरसों के तेल का भाव 180 रुपये प्रति किलो था जो अब घटकर 135-140 रुपये प्रति किलो तक आ गया है. देश में पॉम ऑयल और सोयाबीन तेल की खपत काफी है. इसीलिए विशेषज्ञों का मानना है कि सरसों के तेल के भाव इनसे कम ही रहेंगे.
सरसों और सरसों के तेल के भावों में कमी होने के मुख्य तीन कारण हैं. जिसमें पहला अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोयाबीन और पॉम ऑयल की रेट में कमी होना है. दूसरा कारण सरसों की बुवाई पिछले साल से अधिक है. हालांकि तेज गर्मी से कई जगह उत्पादन पर असर आएगा. लेकिन किसानों ने भाव चढ़ने की उम्मीद में 10-15 लाख टन सरसों पिछले साल की रखी हुई है. इसीलिए किसान पहले पुरानी सरसों निकालेगा. तीसरा कारण बाजार में नई सरसों की आवक भी है. आवक ज्यादा और मांग कम होने से भाव गिर रहे हैं.
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राजस्थान में रबी सीजन की फसलों की सरकारी खरीद एक अप्रैल से शुरू होगी. हालांकि हाड़ोती क्षेत्र यानी कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ में 15 मार्च से एमएसपी पर खरीद शुरू हो जाएगी. अन्य जिलों में खरीद अगले महीने से शुरू होगी. इसीलिए व्यापारी एक अप्रैल से पहले ही सरसों की खरीद कर रहे हैं. जोकि सरकारी एमएसपी 5450 रुपये से कम है. हालांकि भावों में कमी को देखते हुए केन्द्र सरकार ने राज्यों से एमएसपी पर खरीद शुरू करने के निर्देश दिए हैं.
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