झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि 29 दिसंबर को राज्य सरकार के स्थापना दिवस के दिन से राज्य के किसान को फसल राहत योजना का लाभ मिलेगा. मुख्यमंत्री फसल राहत योजना के तहत राज्य के जिन किसानो ने आवेदन दिया है उन्हें 3500 रुपए दिए जाएंगे. राज्य में इस बार बारिश नहीं होने के कारण कई 24 में से 22 जिलों में भंयकर सूखा पड़ा है, इसके कारण इस बार किसानो को धान की फसल में काफी नुकसान हुआ है. किसानों को हुए नुकसान की भारपाई के लिए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री सूखा राहत योजना चलाई जा रही है.
झारखंड में मुख्यमंत्री सूखा राहत योजना के तहत लाभ लेने के लिए अब तक राज्य के 22 लाख 58 हजार 166 किसानों ने आवेदन कर दिया है. योजना के तहत लाभ लेने के की आखिरी तारीख 25 दिबसंबर तक रखी गई है. बारिश की बेरूखी के कारण राज्य के किसानों को हुए नुकसान की भारपाई के लिए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री सूखा राहत योजना चलाई जा रही है. इसमें 11 लाख 21 हजार 556 ऐसे किसान हैं जिन्होंने इस साल बारिश की कमी के कारण धान की खेती नही की है या कर नहीं पाए है. अब उन्हें भी लाभ दिया जाएगा.
सूखा राहत योजना के पोर्टल पर जारी किए गए जानकारी के अनुसार ऐसे किसानों की संख्या आठ लाख 33 हजार 750 हैं जिनकी फसलों को 33 फीसदी से अधिक का नुकगसान हुआ है. जबकि योजना का लाभ देने के लुए किए गए आवेदनों में भूमिहीन कृषक मजदूरों की संख्या तीन लाख दो हजार 860 हैं. इनमें अगर आवेदन के स्त्रोत की बात करें तो मुख्यमंत्री सूखाड़ राहत योजना के तहत दस लाख 30 हजार 540 किसानों ने आवेदन किया है जबकि झारखंड राज्य फसल राहत योजना के तहत 12 लाख 27 हजार 626 किसानों नें आवेदन दिया है.
गौरतलब है कि इस बार बारिश नहीं होने के कारण राज्य के 24 में से 22 जिलों के 226 प्रखंडों में गंभीर सूखा पड़ा है. इन जिलों के किसानों को हुए आर्थिक नुकसान से राहत दिलाने के लिए राज्य सरकार द्वारा सूखा राहत योजना चलाई जा रही है. इसके तहत किसानो को 3500 रुपए दिए जाए. पलामू, देवघर और गढ़वा के सबसे ज्यादा किसानों ने राहत के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. गौरतलब है कि पश्चिमी सिंहभूम और पूर्वी सिंहभूम में बारिश हुई थी इसके कारण यहां पर धान की फसल अच्छी हुई है बाकि सभी जगहों पर किसानों को काफी नुकसान हुआ है.