हरियाणा के किसानों के लिए अच्छी खबर है. हरियाणा सरकार ने प्रदेश में तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने और खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के उद्देश्य से मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में 'राज्य तिलहन मिशन' (स्टेट ऑयलसीड्स मिशन) का गठन किया है. मिशन का उद्देश्य तिलहन उत्पादकता बढ़ाने और खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लक्ष्यों को जमीनी स्तर पर लागू करना है. इसके लिए राज्य स्तरीय एजेंसियों, जिला स्तर की संस्थाओं और केंद्र सरकार के साथ समन्वय बनाया जाएगा.
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव इस मिशन के सदस्य सचिव होंगे. अन्य सदस्यों में सहकारिता, उद्योग, ग्रामीण विकास, वित्त और खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभागों के प्रशासनिक सचिव, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के निदेशक, हरियाणा स्थित आईसीएआर संस्थानों के निदेशक, नाबार्ड के राज्य प्रभारी और राज्य स्तरीय बैंकर समिति के नोडल अधिकारी शामिल होंगे. इसके अतिरिक्त तिलहन उत्पादक किसान संगठन, सहकारी समितियों के प्रतिनिधि, तिलहन, वनस्पति तेल और बीज उत्पादन से जुड़े उद्योग प्रतिनिधि और केंद्र सरकार के कृषि और किसान कल्याण विभाग के प्रतिनिधि भी इस मिशन का हिस्सा होंगे.
राज्य तिलहन मिशन की प्रमुख जिम्मेदारियों में राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप राज्य तिलहन कार्ययोजना को अंतिम रूप देना, प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों जैसे कि फसलवार क्षेत्र, उत्पादन, औसत उपज और तेल उत्पादन की निगरानी करना, अवसंरचना और प्रसंस्करण सुविधाओं के लिए वित्तीय संसाधनों का प्रभावी आवंटन सुनिश्चित करना, जिला स्तरीय मिशनों और वैल्यू चेन भागीदारों के कार्यों की देखरेख करना और अन्य केंद्र एवं राज्य योजनाओं के साथ तालमेल स्थापित करना शामिल है.
राज्य तिलहन मिशन साल में कम से कम दो बार बैठक करेगा, जिसमें प्रगति की समीक्षा कर प्रभावी क्रियान्वयन के लिए रणनीतियां बनाई जाएंगी. जरूरत पड़ने पर मिशन की कार्यवाही में विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया जा सकेगा.
केंद्र के स्तर पर देखें तो देश में तिलहन का उत्पादन बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय तिलहन मिशन शुरू किया गया है. इसमें देश के कई जिलों में तिलहन की खेती बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से किसानों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है. इसमें किसानों को तिलहन फसलों के बीज के किट भी मुफ्त में दिए जा रहे हैं. इसमें एफपीओ की भागीदारी अहम बनाई गई है. सरकार का प्रयास है कि देश को तिलहन और खाद्य तेल के मामले में आत्मनिर्भर बनाया जाए. अभी देश की जरूरत को पूरा करने लिए बड़े पैमाने पर खाद्य तेलों का आयात किया जाता है जिसमें अरबों रुपये खर्च होते हैं. अगर किसानों को इस दिशा में सशक्त किया जाए तो तिलहन की खेती बढ़ेगी और खाद्य तेलों का उत्पादन बढ़ाकर दाम भी कंट्रोल किया जा सकेगा.