मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना से मिला 39 लाख  मछुआरों को फायदा

मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना से मिला 39 लाख  मछुआरों को फायदा

उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में मछुआरों के लिए मुख्यमंत्री मध्य संपदा योजना का क्रियान्वयन 5 सालों के लिए हुआ है.प्रदेश में इस योजना से 39 लाख मछुआरों एवं मत्स्य पालकों को रोजगार के अवसर मिले हैं

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  • lucknow ,
  • Dec 22, 2022,
  • Updated Dec 22, 2022, 9:10 PM IST

उत्तर प्रदेश में मछुआरों एवं मत्स्य पालकों के लिए प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना 2020 से ही चल रही है. वही उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में मछुआरों के लिए मुख्यमंत्री मध्य संपदा योजना का क्रियान्वयन 5 सालों के लिए हुआ है.प्रदेश में इस योजना से 39 लाख मछुआरों एवं मत्स्य पालकों को रोजगार के अवसर मिले हैं.उत्पादकता वृद्धि और मत्स्य पालकों की आर्थिक समृद्धि की अपार संभावनाओं को देखते हुए निवेश के अवसर भी है.मत्स्य पालन के क्षेत्र में वृद्धि लाने व ग्रामीण क्षेत्र में स्थानीय मत्स्य पालकों के आर्थिक और सामाजिक उत्थान में प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना का खासा योगदान है.प्रदेश की ग्राम सभा के तालाबों में मत्स्य पालन का कार्य मछुआरों और पट्टा धारकों द्वारा पहले से ही किया जा रहा है.अभी तक इन तालाबों की उत्पादकता 25 से 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर थी  वही अब मनरेगा के माध्यम से इन तालाबों की उत्पादकता में बृद्धि की गई है जो अब बढ़कर 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो गई है.इससे मत्स्य पालन के क्षेत्र में तेजी से प्रगति हुई है.

मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के फायदे

मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के तालाबों की उत्पादकता में दोगुनी की वृद्धि हुई है . गांव सभा के तालाबों के पट्टा धारकों में मछुआरों की आय में भी इससे वृद्धि हुई है.इस योजना से प्रदेश के 39 लाख मछुआ समाज के लोगों को फायदा पहुंचा है.वहीं प्रदेश में रोजगार के अवसर में भी वृद्धि हुई है.गांव सभा के तालाबों के पट्टे पर प्रथम वर्ष में निवेश पर ₹400000 प्रति हेक्टेयर की लागत का 40% अनुदान दिया जाएगा.वही तालाबों में मत्स्य बीज बैंक की स्थापना योजना के लिए प्रति हेक्टेयर पर 40% का अनुदान भी निर्धारित है 

मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लाभार्थी की ये है चयन प्रक्रिया

मुख्यमंत्री मध्य संपदा योजना के कार्यान्वयन के लिए जिला स्तर पर लाभार्थी के चयन और अनुमोदन योजना निगरानी के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन भी किया जाएगा . मत्स्य विभाग का जिला स्तरीय अधिकारी इस समिति का सचिव होगा. लाभार्थी का चयन जिला स्तरीय समिति के द्वारा किया जाएगा.इच्छुक लाभार्थी की आवेदन विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन प्राप्त किए जाएंगे .वही पूर्ण पट्टा अवधि में पट्टा धारक को किसी भी एक परियोजना में एक बार ही लाभ मिलेगा.लाभार्थी के चयन में जनपद स्तर पर उपयोगिता के आधार पर सभी वर्गों की सहभागिता सुनिश्चित होगी.लाभार्थी के चयन के उपरांत स्थल का प्रारंभिक सर्वेक्षण मत्स्य विभाग के स्थानीय अधिकारियों के द्वारा किया जाएगा.

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