Dairy Cattle: बच्चा देने के तुरंत बाद गाय-भैंस की करनी होती है खास देखभाल, ये 4 सावधानियां रखें पशुपालक

Dairy Cattle: बच्चा देने के तुरंत बाद गाय-भैंस की करनी होती है खास देखभाल, ये 4 सावधानियां रखें पशुपालक

आप जानते होंगे कि जब गाय या भैंस बच्चा देती हैं उसके बाद ही दूध मिल पाता है. बच्चा देने के तुरंत बाद पशुओं की खास देखभाल करनी चाहिए. आज आपको ऐसी सावधानियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो बच्चा देने के तुरंत बाद करनी चाहिए.

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नयन त‍िवारी
  • Noida,
  • Dec 23, 2024,
  • Updated Dec 23, 2024, 7:24 PM IST

हमारे देश की बहुत बड़ी आबादी खेती और पशुपालन से जुड़ी हुई है. एक समय था जब गांव के किसान पशुपालन को अपनी अतिरिक्त आय का जरिया बनाते थे, लेकिन आज ये जबरदस्त मुनाफे का कारोबार बन गया है. गांव के बाहर नए-नए और अच्छी खासी नौकरी वाले लोग भी पशुपालन से जुड़ रहे हैं. इस क्षेत्र में कमाई का सबसे अच्छा और आसान तरीका डेयरी फार्मिंग को माना जाता है. अगर आपके पास भी दुधारू पशु हैं तो ये खबर आपके लिए है. अगर आपके गाय-भैंस बच्चा देने वाले हैं तो उनकी देखभाल और बच्चा देने के तुरंत बाद की सावधानी जान लेते हैं. 

बच्चा देने के बाद रखें ये सावधानियां

जब गाय या भैंस नए बछड़े को जन्म देती हैं तभी उनसे दूध मिलता है. नए बच्चे को जन्म देने के तुरंत बाद पशुओं को पीड़ा होती है. ऐसे में उनके स्वास्थ्य की देखभाल करना जरूरी होता है. आइए जान लेते हैं कि बच्चा देने के तुरंत बाद पशुओं की देखभाल कैसे करना चाहिए.

साफ कपड़े का इस्तेमाल

बच्चा देने के तुरंत बाद साफ-सुथरे और सूखे कपड़े की मदद से गाय-भैंस और उनके बच्चे को साफ कीजिए. किसी भी तरह की गंदगी होने से संक्रमण का खतरा बन सकता है. बछड़े के मुंह के भीतर कपड़े की मदद से जमा गंदगी साफ करना ना भूलें. जरूरत पड़ने पर हल्का गुनगुना पानी से भी सफाई करें. 

पशु को खिलाएं ये चीजें

बच्चा देने के तुरंत बाद पशु को असहनीय पीड़ा भी होती है इसलिए उनको राहत देने के लिए खुराक पर ध्यान देने की जरूरत है. गांव-देहात में बच्चा देने के तुरंत बाद पशु को बांस और आम के पत्ते खिलाए जाते हैं. इसके साथ ही जौ और गेहूं की दलिया खिलाना चाहिए. बछड़े को भी तुरंत दूध पीने के लिए छोड़ दें. 

भीड़ और शोरगुल ना करें

हमने पहले भी बताया कि पशुओं को बच्चा देने के बाद काफी पीड़ा होती है, इसलिए उन्हें बिल्कुल असहज ना महसूस कराएं. पशुओं को आराम और शांति भरा वातावरण दें. अधिक शोरगुल या भीड़ होने पर वे झल्ला जाते हैं जिससे उनके स्वभाव में बदलाव आता है. फिर वो पशु दूध देने में भी लात मारने लगते हैं.

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पशु चिकित्सकों से मिलें

गाभिन होने के बाद से ही उनकी देखभाल करने की बहुत ज्यादा जरूरत होती है. कई बार डिलीवरी के समय बच्चा फंस जाता है. ऐसी स्थिति में कोई भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए, खुद से बच्चे को खींचकर बाहर निकालने की कोशिश ना करें. बच्चा फंसने या फिर अधिक ब्लीडिंग होने पर पशु चिकित्सकों से मिलें.

ये सावधानी रखना भी जरूरी है

बच्चा देने के लिए वातावरण और साफ-सफाई में भी विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. जहां पर पशु बच्चा देने वाला है, वहां की साफ-सफाई बहुत जरूरी है. उस स्थान में किसी भी तरह का गंदा पानी, जानवरों के मल-मूत्र या मच्छर मक्खी नहीं होने चाहिए. फर्श पर बेवजह नमी है तो जूट के बोरे बिछा दीजिए. रात के समय डिलीवरी हो रही है तो पशु के नजदीक ही 100 वॉट वाला बल्ब जला दें, उस बल्ब से गर्म ताप निकलता है जिससे शेड में गर्मी बनी रहती है.

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