
Poultry India Expo बेशक गांवों में बैकयार्ड पोल्ट्री होती है. घर के पीछे, खेत-खलिहान में 25-50 और 100-150 मुर्गे-मुर्गियां पालने को बैकयार्ड पोल्ट्री कहा जाता है. गांव के लोग अभी उतना ही अंडा खा रहे हैं जो बैकयार्ड पोल्ट्री में हो रहा है. चिकन की खपत भी कम ही है. कुल मिलाकर ग्रामीण इलाका पोल्ट्री से अछूता है. जरूरत है कि पोल्ट्री प्रोडक्ट को गांव-गांव तक पहुंचाया जाए. इसके लिए गांव तक अंडा-चिकन पहुंचाने के लिए एक नया सिस्टम तैयार करना होगा. ये कहना है ऑल इंडिया ब्रॉयलर ब्रीडर एसोसिएशन के चेयरमैन और आईबी ग्रुप के एमडी बहादुर अली का. पोल्ट्री इंडिया एक्सपो 2025 के नॉलेज डे में बोलते हुए पोल्ट्री सेक्टर को उन्होंने ये टिप्स दिए हैं. नॉलेज डे का विषय था सस्टेनेबल एंड प्रॉफिटेबल पोल्ट्री और विकसित भारत.
नॉलेज डे में भारत समेत 25 देशों के पोल्ट्री और एनिमल हसबेंडरी से जुड़े अधिकारी, फार्मर, कारोबारी, साइंटिस्ट और रिसर्च स्कॉलर ने पोल्ट्री से जुड़ी अपनी बात रखी. नॉलेज डे में देश-विदेश के आठ वक्ताओं ने पोल्ट्री से जुड़े खास मुद्दे जैसे उत्पादन बढ़ाना, बाजार में खपत बढ़ाना और पोल्ट्री के लिए नए बाजार तलाशने पर जोर दिया.
बहादुर अली ने गांव में पोल्ट्री के लिए संभावनाओं पर बात करते हुए कहा कि आज पोल्ट्री उत्पादन बढ़ाने पर पूरा जोर है. इस तरह पोल्ट्री इंडिया एक्सपो और नॉलेज डे जैसे कार्यक्रमों से लोग उत्पादन बढ़ाने के टिप्स लेकर जाते हैं. और फिर पूरे उत्साह के साथ उसमे जुट जाते हैं. लेकिन जरूरत इस बात की भी है कि जिस उत्साह से उत्पादन बढ़ा रहे हैं उसी उत्साह के साथ गांव-गांव तक चिकन प्रोटीन भी पहुंचाया जाए. गांव-गांव में एक दुकान खोली जाए. वर्ना उत्पादन तो बढ़ जाएगा, लेकिन खपत नहीं बढ़ी तो कहीं हमे पीछे न लौटना पड़े.
बहादुर अली ने नॉलेज डे में बोलते हुए बताया कि आज देश प्रोटीन की कमी से लड़ रहा है. अगर गांव की बात करें तो गांव के 50 फीसद लोगों को जरूरत के मुताबिक पूरा प्रोटीन नहीं मिल पा रहा है. इसलिए मुर्गा नहीं चिकन प्रोटीन के नाम से गांवों में हमे प्रोटीन पहुंचाना होगा, जिसकी आज बहुत जरूरत है.
चिश्तिया पोल्ट्री सर्विसेज, बड़ौदा, गुजरात के आरिफ अली का कहना है कि आज पोल्ट्री बाजार शहर का हो या गांवों का, हर जगह सस्ता, क्वालिटी और छोटी-छोटी पैकिंग वाले अंडे-चिकन की जरूरत है. और इसके लिए जरूरी है कि वक्त के साथ आ रहीं मॉर्डन पोल्ट्री की टेक्नोलॉजी को अपनाया जाए. अगर आप पोल्ट्री फार्म में केज से लेकर और दूसरे उपकरण को टेक्नोलॉजी के साथ इस्तेमाल कर रहे हैं तो फिर आपकी तरक्की को कोई नहीं रोक सकता है.
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