
पोल्ट्री इंडिया के प्रेसिडेंट उदय सिंह बयास ने पोल्ट्री एक्सपो 2025 के आयोजन में किसान तक को बताया कि भारत अंडे और चिकन उत्पादन के मामले में कई बड़े देशों को टक्कर दे रहा है. उत्पादन के मामले में चीन और अमेरिका जैसे बड़े देशों को पीछे छोड़ा हुआ है. देश का पोल्ट्री सेक्टर अंडा उत्पादन में दूसरे और चिकन में चौथे नंबर पर है. लेकिन अंडे-चिकन को बाजार नहीं सोशल मीडिया से टक्कर मिल रही है. अंडे और चिकन के बारे में ऊल-जुलूल लिखा जा रहा है. अफवाहें फैलाते हुए लोगों से अंडे-चिकन न खाने को कहा जाता है. पोल्ट्री सेक्टर सोशल मीडिया से परेशान है. पोल्ट्री से जुड़े कार्यक्रमों में लोगों से अलर्ट रहने की अपील की जा रही है.
साथ ही अंडा-चिकन खाने वालों को सोशल मीडिया की अफवाहों को नहीं पोल्ट्री एक्सपर्ट की सलाह को मानने की अपील की जा रही है. पोल्ट्री इंडिया एक्सपो 2025 में भी अंडा-चिकन खाने वालों को उसके फायदे गिनाए जा रहे हैं. गौरतलब रहे कुछ दिन पहले तक हमारे देश में सिर्फ तीन बीमारी रहित जोन थे जो अब 28 हो चुके हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस पर मुहर लग चुकी है.
पोल्ट्री इंडिया एक्सपो-2025 में पोल्ट्री से जुड़ी अफवाहों पर भी खूब चर्चा हो रही है. ये कोई पहला मौका नहीं है जब साउथ एशिया के सबसे बड़े एक्सपो में अंडे-चिकन खाने के फायदे गिनाए जा रहे हैं. पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि पोल्ट्री से जुड़ी अफवाहें उसके लिए बड़ा खतरा साबित हो सकती हैं. इसलिए जरूरत है कि उनके खिलाफ कदम उठाया जाए. इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा. केन्द्र सरकार को भी चाहिए की वो पोल्ट्री सेक्टर को मदद करे. वहीं ऐग फर्स्ट के रविकांत बंका का कहना है कि इसके लिए हमे एक फैक्ट चेक कमेटी बनाने की भी जरूरत है.
पोल्ट्री एक्सपर्ट ने किसान तक को बताया कि सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई जाती है कि अंडे और चिकन का प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए दवाईयों का इस्तेमाल किया जाता है. जबकि ये एकदम गलत है. इतना ही नहीं अंडे के बारे में एक सबसे बड़ी अफवाह तो ये फैलाई जाती है कि वो नॉनवेज है. जबकि अंडा पूरी तरह से वेज है. इसके लिए पोल्ट्री सेक्टहर किसी भी तरह का साइंटीफिक टेस्ट कराने को तैयार हैं. और अगर एक आम इंसान भी चाहे तो वो पोल्ट्री फार्म में जाकर देख सकता है कि अंडे देने वाली मुर्गी पोल्ट्री फार्म के जिस केज में रहती हैं वहां कोई मुर्गा नहीं होता है. मुर्गी दिनभर में तीन से चार बार फीड खाने के बाद ही अंडा देती है. साथ ही एक सच्चाई ये भी है कि बाजार में बिकने वाले पोल्ट्री के इस अंडे से चूजा नहीं निकलता है.
एक्सपर्ट ने बताया कि चिकन के प्रोडक्शन को लेकर भी सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई जाती है. चिकन के बारे में एंटी बॉयोटिक्स दवाई का इस्तेमाल करने की अफवाह उड़ाई जाती है. जबकि एंटी बॉयोटिक्स कोई भी हो वो बहुत महंगी होती है. अगर बिना किसी बीमारी के एंटी बॉयोटिक्स खिलाएंगे तो चिकन की लागत बढ़ जाएगी. बीमारी न होने पर एंटी बॉयोटिक्स का मुर्गे पर बुरा असर भी होगा. जब चिकन का कारोबार मुश्किल से छह-सात रुपये किलो पर होता है तो ऐसे में पोल्ट्री फार्मर क्यों अपने मुर्गों को एंटीबॉयोटिक्स खिलाएगा.
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