मई से लेकर सितम्बर तक का वक्त पशुपालन के लिए बहुत अहम हो जाता है. ये वो मौसम है जब गाय-भैंस को और ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है. क्योंकि इस दौरान कई बड़ी और गंभीर बीमारियां भी गाय-भैंस पर अटैक करती हैं. मई-जून के दौरान तो दूध उत्पादन घटने की परेशानी से भी जूझना पड़ता है. जैसे ही तापमान बढ़ता है तो पशु हीट स्ट्रेस में आ जाते हैं और हीट स्ट्रोक का शिकार भी हो जाते हैं. क्योंकि यही वो दोनों बड़ी वजह हैं जिसके चलते गाय-भैंस का दूध उत्पादन घट जाता है.
एनिमल एक्सपर्ट खासतौर पर गर्मियों की दोपहर के वक्त पशुओं को बहुत ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है. इस दौरान बरती गई जरा सी भी लापरवाही पशु की जान भी ले सकती है. एक्सपर्ट ये सलाह भी देते हैं कि बदलते मौसम के हिसाब से पशुओं के शेड में बदलाव करना चाहिए. पीने के पानी और चारे में भी मौसम के हिसाब से बदलाव करना होता है. इतना ही नहीं पशु को शेड से कब बाहर ले जाना है या फिर कब से कब तक शेड में ही रखना इसका पालन भी एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक ही करना चाहिए.
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