Dairy Milk: एक्सपोर्ट और घरेलू बाजार में डेयरी सेक्टर को रफ्तार देनी है तो करने होंगे ये तीन खास काम

Dairy Milk: एक्सपोर्ट और घरेलू बाजार में डेयरी सेक्टर को रफ्तार देनी है तो करने होंगे ये तीन खास काम

इंडियन डेयरी और फूड बिजनेस विषय पर खूब चर्चा हो रही है. एक्सपर्ट का कहना है कि डेयरी सेक्टर में करोबार से लेकर नौकरियों तक की बहुत संभावनाएं हैं. बस जरूरत है तो कुछ खास विषयों पर काम करने की. जिसमे क्वालिटी, फूड प्रोसेसिंग और चल रही रिसर्च में इनोवेशन की. 

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नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Feb 12, 2025,
  • Updated Feb 12, 2025, 2:29 PM IST

वर्ल्ड लेवल पर भारत दूध उत्पादन में लगातार पहले स्थान पर बना हुआ है. देश में हर साल दूध उत्पादन बढ़ रहा है. डेयरी सेक्टर देश में दूध और दूध से बने प्रोडक्ट की डिमांड को बड़ी ही आसानी से पूरा कर रहा है. देश में दूध उत्पादन को और ज्यादा बढ़ाया जा सकता है. लेकिन उससे पहले जरूरत है कि डेयरी प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट बढ़े. घरेलू बाजार में भी डिमांड को और बढ़ाया जाए. डेयरी एक्सपर्ट की मानें तो अभी डेयरी प्रोडक्ट का उतना एक्सपोर्ट नहीं होता है जितना देश में दूध उत्पादन है. 

इस बारे में राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (NDRI), करनाल के डायरेक्टर और वाइस चांसलर डॉ. धीर सिंह लगातार कुछ टिप्स दे रहे हैं. उनका कहना है कि अगर डेयरी सेक्टर में मौजूदा वक्त की डिमांड को देखते हुए तीन बड़े काम कर लिए जाएं तो डेयरी सेक्टर में बूम आ जाएगा और पशुपालक से लेकर डेयरी बिजनेसमैन का मुनाफा भी बढ़ेगा.

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पॉवर, क्वालिटी और मिलावट रोकने से बढ़ेगी रफ्तार 

डॉ. धीर सिंह ने कहा कि डेयरी सेक्टर में पर्यावरण एक बड़ी परेशानी बन गई है. इसके साथ ही डेयरी सेक्टर में उत्पादन से लेकर सप्लाई तक में ऊर्जा का बढ़ता इस्तेमाल भी परेशानी बन रहा है. लेकिन इसके लिए एक काम ये किया जा सकता है कि डेयरी प्लांट से निकलने वाले वेस्ट को ही दोबारा से ऊर्जा के लिए इस्तेमाल किया जाए. इससे होगा ये कि डेयरी पर बढ़ता ऊर्जा का खर्च कम होगा और पर्यावरण संबंधी परेशानी भी दूर होगी. इसके साथ ही डेयरी प्रोडक्ट की क्वालिटी पर काम करने और ध्यान देने की बहुत जरूरत है. ग्राहकों के भरोसे को बनाए रखने के लिए मिलावट को रोकने की भी जरूरत है. और ये सब मुमकिन होगा लगातार जांच से.

इसके चलते लोगों की हेल्थ भी ठीक रहेगी. इस सब से बाजार में डेयरी प्रोडक्ट का दाम भी अच्छा मिलेगा. आखि‍र में उन्होंने बताया कि हमारा संस्थान डेयरी सेक्टर में आने वाली इस तरह की चुनौतियों का समाधान देने में सक्षम हैं. इसके साथ हम डेयरी और फूड प्रोसेसिंग में नवाचार, फूड सेक्टर में सुरक्षा और गुणवत्ता प्रबंधन, विकसित भारत में टिकाऊ दूध उत्पादन, वैल्यू एडिशन विश्लेषण, टेक्नोलॉजी प्रभाव मूल्यांकन और डेयरी बिजनेस में विज्ञान को नीति में बदलने जैसे विषय पर काम और चर्चा दोनों हो रही हैं. 

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