Poultry: पोल्ट्री फार्म में नए चूजे ला रहे हैं तो बदलते मौसम में जरूर अपनाएं Dr. NK Mahajan के टिप्स 

Poultry: पोल्ट्री फार्म में नए चूजे ला रहे हैं तो बदलते मौसम में जरूर अपनाएं Dr. NK Mahajan के टिप्स 

मुर्गी बहुत ही सेंसेटिव बर्ड होती है. जल्दी तनाव में आ जाती है. फिर चाहें बदलता मौसम ही क्यों ना हो. अगर मुर्गी तनाव में आ जाए तो सबसे पहले उत्पादन घट जाता है. मुर्गे-मुर्गी के बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए मुर्गी के खानपान से लेकर शेड मैनेजमेंट पर पैनी नजर रखना जरूरी हो जाता है. 

मुर्गीपालनमुर्गीपालन
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Feb 03, 2025,
  • Updated Feb 03, 2025, 1:21 PM IST

पोल्ट्री फार्म में ज्यादातर अंडे और चिकन के लिए मुर्गे-मुर्गियां पाले जाते हैं. इसके लिए फार्म की शुरुआत चूजों (चिक्स) से होती है. लेकिन पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि बदलते मौसम में चूजों को फार्म में लाने से पहले और बाद में कुछ जरूरी काम करने होते हैं. अगर ऐसा नहीं किया तो चूजे बीमार होने के साथ ही मरने भी लगते हैं. क्योंकि फरवरी वो महीना है जब सर्दी और गर्मी का मिलाजुला असर देखने को मिलता है. यही बदलता मौसम होता है. 

इसलिए जरूरी है कि चूजे लाने से पहले और बाद में कुछ काम जरूर करें, वर्ना अंडा हो या चिकन उसकी लागत बढ़ जाती है. क्योंकि बीमार होने पर चूजों की दवाई और वैक्सीन पर खर्चा करना होता है. इसलिए फीड, पानी, वैक्सीन, शेड मैनेजमेंट को लेकर अलर्ट हो जाएं. अगर इस मामले में टिप्स अपनाकर काम किया तो फिर लागत नहीं मुनाफा बढ़ेगा. 

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चूजे लाने से पहले और बाद में जरूर करें ये काम 

मुर्गियों के डॉक्टर और जाने-माने पोल्ट्री एक्सपर्ट डॉक्टर एनके महाजन ने पोल्ट्री फार्म में नए चूजे लाने के दौरान अपनाए जाने वाले कुछ टिप्स किसान तक के साथ एक लाइव शो के दौरान साझा किए हैं. अगर आप पोल्ट्री फार्मर हैं तो आप भी महीने में दो बार कुकड़ू-कू नाम के इस शो को लाइव देखते हुए अपने सवाल पूछ सकते हैं. डॉ. महाजन के उन्हीं टिप्स को हम यहां बताने जा रहे हैं. 

  • पोल्ट्री फार्म में नए चूजों अलसुबह या देर शाम नहीं दिन में लेकर आएं.
  • चूजे लाने से पहले फार्म की अच्छी तरह से सफाई कर लें. 
  • संभव हो तो बायो सिक्योरिटी का भी पालन कर सकते हैं. 
  • फार्म के फर्श भूसी आदि बिछाने के साथ ही उस पर अखबार बिछा दें. 
  • चूजे लाने के बाद उन्हें पानी में गुड़ मिलाकर पिलाया जा सकता है. 
  • खाने के लिए बाजार में बिकने वाला प्री-स्टार्टर फीड दिया जा सकता है. 
  • शेड के अंदर का तापमान 90 से 95 डिग्री फारेनहाइट होना चाहिए. 
  • सात दिन तक के चूजों के लिए तापमान 90 से 95 डिग्री फारेनहाइट ही रहेगा. 
  • तापमान के लिए लकड़ी या लकड़ी का बुरादा इस्तेमाल किया जा सकता है. 
  • लकड़ी या लकड़ी का बुरादा जला रहे हैं तो एक बर्तन में पानी गर्म होने के लिए रख दें. 
  • पानी की भाप शेड के अंदर नमी को बनाए रखती है. 
  • शेड में बाहर की हवा के लिए ऊंची जगह पर एक-दो खि‍ड़की जरूर रखें. 
  • गंबेरो और रानीखेत जैसी बीमारियों से बचाने के लिए टीके लगवाएं. 

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