पशु फिर वो चाहें गाय-भैंस हो या फिर भेड़-बकरी, अगर वो खुश है और आराम से रह रहा है तो उसका दूध और मीट उत्पादन कभी नहीं घटता है. बल्कि अच्छे वातावरण में रहने के चलते उसका उत्पादन बढ़ जाता है. यही वजह है कि अगर तकनीक की मदद से भैंसों का शेड बनवाया जाए तो उसमे उन्हें आराम मिलेगा, वो उसमे खुश रहेंगी. और जब भैंस को आराम मिलेगा और तनाव मुक्त रहेगी तो उनका दूध उत्पादन भी बढ़ेगा. ये कहना है डॉ संजय कुमार, अध्यक्ष एग्रीकल्चर साइंटिस्ट रिक्रूटमेंट बोर्ड का.
संस्थान के फाउंडेशन डे के मौके पर किसानों को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बात कही. इस मौके पर उन्होंने डेयरी और पशुपालन के टिप्स देते हुए कहा कि आज साफ और स्वच्छ दूध उत्पादन करने की जरूरत है. इसके लिए मिल्किंग मशीन की मदद ली जा सकती है. वहीं मिल्क और मिल्क प्रोडक्ट को अल्ट्रा मॉडर्न पैकेजिंग टेक्नोलॉजी की मदद से बाजार में उतारने की जरूरत है. ऐसा करने से किसान भाइयों को दूध का उचित मूल्य मिल सकेगा.
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संस्थान के पीआरओ डॉक्टर राजेश गंगवा ने बताया कि संस्थान में करीब 550 कटड़े, कटड़िया, झोटे और भैंसें है. इसमे से करीब 130 दूध देने वाली भैंस हैं. 100 ऐसी भैंस हैं जिनका दूध उत्पादन एक ब्यांत (290 दिन) में तीन हजार किलो से ज्यादा है. वहीं 20 भैंस ऐसी भी हैं जो चार हजार किलो और दो भैंस पांच हजार किलो से ज्यादा दूध दे रही हैं. इतना ही नहीं कई रिसर्च के बाद अब संस्थान का एवरेज दूध उत्पादन प्रति भैंस 1800 किलोग्राम से बढ़कर 3100 किलोग्राम हो गया है, जो विश्व में देश के किसी भी ऑर्गेनाइज्ड फॉर्म में सबसे ज्यादा उत्पादन है.
भैंसों में सुधार के लिए संस्थान में कई रिसर्च चल रही हैं और कुछ पूरी भी हो चुकी हैं. CIRB के डॉयरेक्टर डॉ. यशपाल ने बताया कि इस संस्थान ने भैंसे में अनुवांशिक सुधार के साथ-साथ अन्य रिसर्च गतिविधियों में संस्थान का नाम रोशन किया है. जैसे बफेलो क्लोनिंग, ये रिसर्च लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में संस्थान का ना के नाम से दर्ज हो चुकी है. वहीं प्रेगनेंसी डायग्नोस्टिक किट बनाने, पशुओं के द्वारा मीथेन प्रोडक्शन को खानपान के माध्यम से काम करना, थर्मल इमेजिंग के द्वारा थनैला रोग का पता लगाना आदि शामिल हैं. वहीं अब एक नई रिसर्च के माध्यम से सेंसर टेक्नोलॉजी डवलप की जा रही है. इस सेंसर की मदद से पशुओं में किसी भी प्रकार की बीमारी और उसके हीट में आने के लक्षण का आसानी से पता लगाया जा सकेगा.
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