Fish Farming: ऑर्गेनिक मछली पालन कर लाखों का मुनाफा कमाना है तो NABARD ऐसे कर रहा है मदद

Fish Farming: ऑर्गेनिक मछली पालन कर लाखों का मुनाफा कमाना है तो NABARD ऐसे कर रहा है मदद

जानकारों की मानें तो बीते कुछ वक्त पहले ही केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने सिक्किम में भारत के पहले जैविक मछली पालन क्लस्टर की शुरुआत की है. ये शुरुआत सिक्किम के सोरेंग जिले से हुई है. ये अपनी तरह का पहला जैविक मछली क्लस्टर है जो बाजार में मछली पालकों को अच्छे दाम दिलाने में मददगार बनेगा. 

मछली पलकों के लिए बहुत काम की है ये तकनीकमछली पलकों के लिए बहुत काम की है ये तकनीक
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • May 02, 2025,
  • Updated May 02, 2025, 11:47 AM IST

पहले ऑर्गेनिक फल-सब्जी, उसके बाद तैयारी हुई ऑर्गेनिक डेयरी प्रोडक्ट की. और अब मीट के बाद बाजार में ऑर्गेनिक मछली लाने की तैयारी चल रही है. हालांकि नॉर्थ-ईस्ट में इसकी शुरुआत भी हो चुकी है. लेकिन अब केन्द्र सरकार की कोशि‍श है कि देशभर में ऑर्गेनिक मछली का बाजार बनाया जाए. यही वजह है कि अगर कोई भी मछली पालक ऑर्गेनिक मछली पालन करना चाहता है तो सरकारी संस्था राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) उसकी मदद करेगी. इतना ही नहीं इसके लिए तकनीकी सहायता केन्द्र सरकार का मंत्रालय देगा. 

जानकारों की मानें तो क्षेत्र के हिसाब से बने रीजनल ऑफिस खेती-किसानी हो या डेयरी, या फिर ऑर्गेनिक मछली पालन को जांच के बाद ही ऑर्गेनिक होने का प्रमाण पत्र देंगे. अगर नॉर्थ इंडिया की बात करें तो केन्द्र सरकार का ये ऑफिस गाजियाबाद में है. केन्द्र सरकार के मछली पालन मंत्रालय के मुताबिक देश के सिक्कि्म राज्य में ऑर्गेनिक मछली पालन शुरू हो चुका है.    

ऑर्गेनिक मछली में ऐसे मदद कर रहा NABARD 

नाबार्ड ने ऑर्गेनिक मछली पालन और एक्वाकल्चर क्लस्टर तैयार करने में पहली मदद की शुरुआत सिक्किम के मछली पालकों से की है. नाबार्ड  मछली पालन के बुनियादी ढांचे और क्षमता निर्माण के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता भी दे रहा है. वहीं राज्य में मछुआरों की सहकारी समितियों और मछली पालन आधारित किसान उत्पादक संगठनों (FFPO) के गठन के माध्यम से ऑर्गेनिक क्लस्टर के विकास में भी मदद करेगा. इस पहल से एक्वाकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर और तकनीकी में निजी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा. सिक्किम के ठंडे पानी के मछली पालन की ब्रांडिंग होगी, पर्यटन को आकर्षित करने के साथ-साथ स्थानीय मछुआरों और मछली किसानों को सशक्त बनाया जाएगा.

ऑर्गेनिक मछली पालन होगा तो प्रदूषण भी कम हो जाएगा 

ऑर्गेनिक मछली पालन क्लस्टर आधारित है. इसके तहत हानिकारक रसायनों, एंटीबायोटिक दवाओं और कीटनाशकों के इस्तेमाल से बचते हुए स्वस्थ मछली पालन सिस्टम पर जोर दिया जा रहा है. यह पर्यावरणीय प्रदूषण को भी कम करने में मददगार साबित हो रहा है. पानी के सोर्स को भी नुकसान से बचाता है. ऑर्गेनिक मछली पालन ऐसे वक्त में सामने आया है जब ऑर्गेनिक प्रोडक्ट और उनकी कीमत देश ही नहीं विदेशी बाजार में भी ग्राहकों को चौंका रही हैं. फिशरीज एक्सपर्ट का कहना है कि सिक्किम इस बढ़ते बाजार और ऑर्गेनिक मछली और मछली प्रोडक्ट के एक्सपोर्ट का फायदा उठा सकता है.

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