Engineering Day in India सुबह से शाम तक पशुओं को बाहर खुले मैदान में चराओ, शाम को दूध निकालो और बेच दो. पशुपालन और डेयरी का ये एक पुराना तरीका है. लेकिन अब ऐसा नहीं है. डेयरी और पशुपालन अब दोनों ही हाईटेक हो चुके हैं. पशुओं को अब सिर्फ चारा नहीं पौष्टिमक चारा खिलाया जाता है. चारे के साथ ही पशुओं की नस्ल सुधार पर जोर दिया जाता है. इतना ही नहीं पशुपालन और डेयरी विभाग पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (AHIDF) के तहत नई-नई टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दिया जा रहा है. डेयरी प्रोसेसिंग यूनिट में आटोमेशन तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है.
सेंसर-आधारित चारा और जल प्रबंधन प्रणालियां, टीका उत्पादन टेक्नि़क और एनिमल वेस्ट मैनेजमेंट के लिए बायोडाइजेशन और खाद बनाने जैसी तकनीक अपनाई जा रही हैं. केन्द्र सरकार डेयरी और पशुपालन में नई-नई टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दे रही है. डेयरी में मार्केटिंग और प्रोसेसिंग से जुड़ी टेक्नोलॉजी पर काम किया जा रहा है. इसके लिए सरकार कई बड़ी योजनाओं पर करोड़ों रुपये का बजट भी दे रही है. ये योजनाएं राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत चल रही हैं.
पशुपालन और डेयरी प्लांट दोनों ही जगह हाईटेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है. दूध की उत्पादकता और डेयरी प्रोडक्ट की खपत बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार योजनाओं और टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है. इसका फायदा ये होगा कि डेयरी प्रोडक्ट की खपत बढ़ेगी, जिससे उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
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