Moisture Fodder: 5 महीने तक गाय-भैंस को परेशान कर सकती है अफारा बीमारी, ऐसे करें इलाज और बचाव 

Moisture Fodder: 5 महीने तक गाय-भैंस को परेशान कर सकती है अफारा बीमारी, ऐसे करें इलाज और बचाव 

Moisture Fodder and Animal पशुओं को अफारा से बचाने के लिए सरकार का पशुपालन मंत्रालय पशुपालकों को जागरुक कर रहा है. इसी कड़ी में विभाग ने अफरा से जुड़ी एक एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी में पशुपालकों को अफरा से होने वाले नुकसान, पशु में अफरा की पहचान और उसके होने की वजह बताई हैं.  

पशुओं को मिलेगा पोष्टिक चारापशुओं को मिलेगा पोष्टिक चारा
नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Sep 12, 2025,
  • Updated Sep 12, 2025, 12:36 PM IST

Moisture Fodder and Animal गाय-भैंस हो या फिर भेड़-बकरी, सभी के बीच एक बीमारी बहुत आम है. अब इसे बीमारी कहें या बड़ी परेशानी, लेकिन इसके चलते पशु बैचेन हो जाता है. वो खाना-पीना तक बंद कर देता है. कई बार तो इस परेशानी के चलते पशुओं की मौत तक हो जाती है. एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो पशुओं को खासतौर पर ये परेशानी अगस्त से लेकर जनवरी तक बहुत होती है. और इसकी वजह है कि गीला यानि ज्यादा नमी वाला हरा चारा. तय मानक से ज्यादा नमी वाला चारा खाने के चलते ही पशुओं का पेट फूल जाता है.

गैस पास नहीं होती है. पशु बैचेन हो उठता है. इस बीमारी को आम बोलचाल की भाषा में अफारा भी कहा जाता है. क्योंकि चारे में ज्यादा नमी के चलते ही पशु के पेट में कुछ खराब गैस जैसे कार्बन-डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन-सल्फाइड, नाइट्रोजन और अमोनिया आदि बनने लगती हैं. इतना ही नहीं चारे में मौजूद नमी के चलते ही पशु के शरीर में माइकोटॉक्सिन नाम की बीमारी पनपती है. 

एक्सपर्ट के मुताबिक ऐसे खि‍लाएं हरा चारा 

फीड एक्सपर्ट डॉ. एएम खान का कहना है कि बरसात और सर्दियों के दौरान हरे चारे में नमी की मात्रा बढ़ जाती है. अब पशु जब इस चारे को खाता है तो उसे डायरिया समेत पेट संबंधी और कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं. कई बार बरसात के दिनों में डायरिया पशुओं के लिए जानलेवा भी हो जाता है. अब इस तरह की परेशानी से बचने के लिए पशुपालकों को करना ये चाहिए कि जब पशु को हरा चारा खाने में दें तो उसे सूखा चारा भी खि‍लाएं. ऐसा करने के चलते चारे में मौजूद नमी की मात्रा कंट्रोल हो सकेगी. क्योंकि चारा खाने के बाद पशु पानी भी पीता है. इसके चलते पशु के दूध की क्वालिटी भी खराब हो जाती है. इसलिए ये जरूरी है कि सूखा चारा खि‍लाने के साथ-साथ हम उसे मिनरल्स जरूर दें. 

पशुओं को अफारा हो जाए तो ऐसे करें इलाज

गाय-भैंस अफरा से पीडि़त हो, पेट फूल रहा हो और गैस पास नहीं हो रही हो तो फौरन ही घर पर इलाज शुरू कर सकते हैं. खास बात ये है कि इलाज का ज्यादातर सामान रसोई में ही मिल जाएगा. इसके साथ ही पशु के पेट को बायीं और पेड़ू के पास अच्छी तरह से मालिश करनी चाहिए. वहीं पशु को ऐसे स्थान पर बांधें जहां उसका यानि गर्दन वाला धड़ ऊंचाई पर हो.

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