अब टैंक में मछली पालन संभव, जानिए बायोफ्लॉक तकनीक कैसे बदल रही है किस्मत

अब टैंक में मछली पालन संभव, जानिए बायोफ्लॉक तकनीक कैसे बदल रही है किस्मत

बायोफ्लॉक तकनीक से करें मछली पालन बिना तालाब खुदाई के. कम लागत, कम पानी में ज़्यादा मुनाफा कमाएं और सरकारी सब्सिडी का भी लाभ उठाएं.

मछली पालन (सांकेतिक तस्वीर)मछली पालन (सांकेतिक तस्वीर)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 12, 2025,
  • Updated Sep 12, 2025, 7:50 AM IST

भारत में मीट और मछली की बढ़ती मांग को देखते हुए अब मत्स्य पालक पारंपरिक तरीकों के बजाय आधुनिक और वैज्ञानिक पद्धतियों को अपना रहे हैं. ऐसी ही एक उन्नत और कम लागत वाली तकनीक है बायोफ्लॉक मछली पालन तकनीक, जिसे अपनाकर किसान कम पानी, कम खर्च और सीमित जगह में अधिक मछली उत्पादन कर सकते हैं. इस तकनीक के ज़रिए किसान बिना तालाब खुदाई के एक टैंक में मछली पालन कर सकते हैं.

क्या है बायोफ्लॉक तकनीक?

बायोफ्लॉक (Biofloc) तकनीक एक वैज्ञानिक प्रणाली है जिसमें मछलियों के अतिरिक्त भोजन को लाभकारी बैक्टीरिया की मदद से प्रोटीन में बदला जाता है. यह प्रोटीन मछलियों के लिए भोजन का काम करता है, जिससे मछलियों का विकास तेज़ होता है और पानी की बर्बादी भी नहीं होती.

बायोफ्लॉक्स में शैवाल, बैक्टीरिया, प्रोटोजोआ और मछलियों के अवशिष्ट (waste) होते हैं. इसमें 25 से 50 प्रतिशत प्रोटीन और 5 से 15 प्रतिशत वसा होती है, साथ ही यह फॉस्फोरस जैसे मिनरल्स और विटामिन का भी अच्छा स्रोत होता है.

बायोफ्लॉक सिस्टम कैसे काम करता है?

  • यह सिस्टम कम पानी के आदान-प्रदान (पानी बदलने) के साथ काम करता है- रोजाना केवल 1% से 5% पानी बदलना पड़ता है.
  • इसमें लगातार पानी को मिलाना (mixing) और वातन (aeration) करना जरूरी होता है ताकि ऑक्सीजन की मात्रा बनी रहे.
  • प्रोबायोटिक का उपयोग भी इसमें किया जा सकता है जो अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं.

आवश्यक संसाधन

बायोफ्लॉक मछली पालन शुरू करने के लिए निम्नलिखित संसाधनों की आवश्यकता होती है:

  • सीमेंट टैंक या तारपोलिन टैंक
  • एयरेशन सिस्टम (हवा देने की मशीन)
  • बिजली की उपलब्धता
  • प्रोबायोटिक्स

बायोफ्लॉक में पालन योग्य मछलियां

इस तकनीक में कई प्रकार की मछलियों का पालन किया जा सकता है, जैसे:

  • पंगेसियस
  • तिलापिया
  • देशी मांगुर
  • सिंघी
  • कोई कार्प
  • पाब्दा
  • कॉमन कार्प

बायोफ्लॉक तकनीक के फायदे

  • कम लागत में अधिक उत्पादन
  • सीमित जगह और कम पानी की ज़रूरत
  • बेकार जमीन का बेहतर उपयोग
  • कम श्रम लागत और चोरी की आशंका भी कम
  • जलवायु के अनुसार लचीलापन और जोखिम कम

आर्थिक लाभ

यदि एक 10,000 लीटर क्षमता वाला टैंक स्थापित किया जाए:

  • टैंक की एक बार की लागत- ₹32,000 (5 वर्षों के लिए)
  • 6 महीनों की पालन लागत- ₹24,000
  • एक बार में 3.4 क्विंटल मछली उत्पादन (मूल्य लगभग ₹40,000)
  • शुद्ध वार्षिक लाभ- लगभग ₹25,000 प्रति टैंक
  • यदि महंगी मछलियों का पालन किया जाए, तो यह लाभ 4.5 गुना तक बढ़ सकता है.

मछली पालन क्यों करें?

  • भारत की लगभग 60% जनसंख्या मछली खाना पसंद करती है.
  • मछली स्वादिष्ट और प्रोटीन, विटामिन व मिनरल्स से भरपूर होती है.
  • स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग मछली को अपने आहार में शामिल करना पसंद करते हैं.
  • भारत में मत्स्य उद्योग का GDP में योगदान 4.6% से अधिक है.

सरकारी कितना दे रही सब्सिडी

भारत सरकार द्वारा बायोफ्लॉक मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए अनुदान योजना भी शुरू की गई है:

  • सामान्य वर्ग को 40% तक अनुदान
  • महिला, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग को 60% तक अनुदान
  • ₹50 लाख की परियोजना पर सामान्य वर्ग को ₹20 लाख
  • महिला, SC/ST को ₹30 लाख तक की सहायता

बायोफ्लॉक तकनीक मछली पालन के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला रही है. यह तकनीक न केवल बेरोजगारी को कम करने में सहायक है, बल्कि किसानों को अतिरिक्त आय का एक शानदार विकल्प भी देती है. यदि आप भी कम लागत में अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो बायोफ्लॉक मछली पालन एक उत्तम व्यवसायिक अवसर हो सकता है.

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