मुर्गी से बच्चों के लिए एक खास अंडा लेने की तैयारी चल रही है. ये अंडा बढ़ते बच्चों के दिमाग को तेज करेगा. हैरान करने वाली बात ये है कि इस खास अंडे को मुर्गी की बीट (मैन्योर) से तैयार किया जाएगा. इस पर जरूरी रिसर्च का काम पूरा हो चुका है. इसके लिए दॉ एनर्जी एंड रिर्सोसेज इंस्टीट्यूट (TERI) और पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया (PFI) के बीच एमओयू भी साइन हुआ है. ये रिसर्च कामायाब रही है. कई पोल्ट्री फार्म पर इसका प्रयोग भी किया जा चुका है.
अब अगर इसके बारे में कोई ज्यादा जानकारी चाहता है. इस जानकारी को लेकर खास अंडों का उत्पादन करना चाहता है तो PFI ऐसे पोल्ट्री फार्मर की मदद करेगी. हाल ही में PFI के हरियाणा में हुए एक कार्यक्रम में ये एमओयू साइन किया गया है. टेरी की ओर से विभा धवन ने एमओयू पर साइन किए हैं.
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PFI के प्रेसिडेंट रनपाल डाहंडा ने किसान तक को बताया कि पोल्ट्री फार्मर को उसके फार्म से ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कैसे हो. कैसे उसकी लागत कम हो और अच्छी क्वालिटी का अंडा मिले इसके लिए एक कोशिश की गई है. इसके लिए PFI ने टेरी की मदद ली है. जिसके चलते पोल्ट्री फार्म से निकलने वाली मुर्गियों की बीट से एक खास तरह की एल्गी तैयार की जाएगी. इस एल्गी में ओमेगा-3 होता है. और ओमेगा-3 में डीएचए होता है. मेडिकल एक्सपर्ट के मुताबिक डीएसए ब्रेन को डवलप करता है. अब होगा ये कि मुर्गियों की बीट में से ओमेगा-3 निकालकर उसे पोल्ट्री फीड में मिलाकर फिर से मुर्गियों को ही खिला दिया जाएगा. दोबारा से जब मुर्गी उस ओमेगा-3 को खाएगी तो उसके शरीर में डीएचए की मात्रा तीन गुना हो जाएगी. और इस तरह उससे हर रोज मिलने वाला अंडा ओमेगा-3 से भरपूर होगा.
PFI के लीगल एडवाइजर विजय सरदाना ने बताया कि पोल्ट्री फीड में मिलाकर एल्गी मुर्गियों को खिलाई जा सकती है. जिससे एक खास अंडा मिलेगा. अगर ऐसा नहीं करना चाहते हैं तो एल्गी से ओमेगा-3 निकालकर फार्म कंपनियों को भी बेचा जा सकता है. साथ ही हुयूमन यूज से जुड़ी इंडस्ट्री में भी ओमेगा-3 बेचकर मोटा मुनाफा कमाया जा सकता है.
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