Animal Feed: गाय-भैंस को ये चारा खि‍लाया तो कम करेंगी मीथेन गैस का उत्सर्जन, इनकम भी होगी डबल 

Animal Feed: गाय-भैंस को ये चारा खि‍लाया तो कम करेंगी मीथेन गैस का उत्सर्जन, इनकम भी होगी डबल 

गाय-भैंस की संख्या बढ़ने के साथ ही मीथेन गैस उत्सर्जन की परेशानी भी बढ़ेगी. जिसके चलते पशुपालक में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. पशुपालकों की इसी परेशानी को कम और खत्म करने के लिए बाजार में खास तरह का एनिमल फीड बिक रहा है. इस फीड को खि‍लाने से पशुपालकों की इनकम भी डबल हो जाती है. 

पशुधन नस्‍ल सुधार के लिए दो प्रोजेक्‍ट्स शुरू . (सांकेतिक फोटो)पशुधन नस्‍ल सुधार के लिए दो प्रोजेक्‍ट्स शुरू . (सांकेतिक फोटो)
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Oct 23, 2024,
  • Updated Oct 23, 2024, 3:27 PM IST

ग्लोबल वार्मिंग में मीथेन गैस उत्सर्जन भी एक बड़ी वजह है. एनर्जी प्रोडयूसर, ट्रैफिक और खेती-पशुपालन इसे बढ़ाने में पहले, दूसरे और तीसरे नंबर पर आते हैं. लेकिन हम बात कर रहे है पशुपालन की. छोटे जुगाली करने वाले पशुओं के मुकाबले गाय-भैंस से मीथेन गैस का उत्सर्जन ज्यादा होता है. पशुपालन में ये एक बड़ी परेशानी है. हालांकि इसे लेकर बहुत ही गंभीरता के साथ काम चल रहा है, लेकिन जरूरत है कि पशुओं के चारे में कुछ बदलाव किए जाएं. 

क्योंकि एक्सपर्ट की मानें तो चारे में बदलाव करके ही गाय-भैंस से होने वाले मीथेन गैस के उत्सर्जन को कम किया जा सकता है. डॉ. रमानुज पांडे फाउंडर, गोकारिन ने इसे बारे में किसान तक से बात करते हुए बताया कि एनिमल फीड में मामूली सा लेकिन महत्वपूर्ण बदलाव कर मीथेन गैस उत्सर्जन को बहुत कम किया जा सकता है. साथ ही पशुपालकों की इनकम भी डबल हो जाएगी.  

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रेड अल्गी का चारा कम करेगा मीथेन गैस

डॉ. रमानुज पांडे ने बताया कि गाय-भैंस सबसे ज्यादा मुंह के रास्ते मीथेन गैस का उत्सर्जन करती हैं. वो जिस तरह का चारा खाती हैं उसे चबाने की पहली स्टेज के चलते ही मीथेन गैस ज्यादा बनती है. लेकिन रेड अल्गी से इसे कम किया जा सकता है. लेकिन रेड अल्गी को एक कट्टे फीड में कितना मिलाना है इसका भी बहुत ख्याल रखना पड़ता है. क्योंकि अगर फीड में रेड अल्गी ज्यादा हो गई तो फिर गाय-भैंस के दूध का उत्पादन कम हो जाएगा. जबकि हमे फीड भी ऐसा तैयार करना है जो दूध उत्पादन बढ़ाने वाला हो. गौरतलब रहे भारत में हर साल करीब 21.4 मिलियन टन मीथेन गैस का उत्पादन होता है. 

गाय-भैंस को खास चारा खि‍लाने पर ऐसे होगा मुनाफा

रमानुज ने बताया कि जब पशुपालक रेड अल्गी वाला खास एनिमल फीड खरीदते हैं तो फीड के कट्टे में अंकों वाला एक कोड निकलता है. इस कोड को कंपनी के ऐप पर जाकर सबमिट करना होता है. इस अंकों वाले कोड से पता चल जाता है कि पशुपालक ने अपने पशुओं को कितना रेड अल्गी वाला फीड खि‍लाया जिससे मीथेन गैस का उत्सर्जन कम करने में मदद मिली. इसकी मदद से वाल्यूम में ये भी पता चल जाएगा कि पशुपालक ने कितनी गैस का उत्सर्जन होने से रोक लिया. उसी आधार पर पशुपालक को क्रेडिट नंबर मिल जाएंगे. इसके बाद पशुपालक इन नंबरों को बेचकर नकद मुनाफा भी कमा सकता है.  

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