इस राज्य के मछली पालन सेक्टर को लगी बूस्टर डोज, जुटे हैं 2,000 से अधिक परिवार

इस राज्य के मछली पालन सेक्टर को लगी बूस्टर डोज, जुटे हैं 2,000 से अधिक परिवार

सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने गुरुवार को कहा कि सिक्किम में मत्स्य पालन क्षेत्र फल-फूल रहा है और 2,000 से अधिक परिवार मछली पालन में लगे हुए हैं. जैविक मछली पालन शुरू करने की सरकार की योजना राज्य के ऑर्गेनिक दृष्टिकोण के अनुरूप है और इससे किसानों के लिए नए बाजार अवसर पैदा होंगे.

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क‍िसान तक
  • Jul 10, 2025,
  • Updated Jul 10, 2025, 4:01 PM IST

गंगटोक: सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने गुरुवार को कहा कि राज्य में मछली पालन सेक्टर खूब फल-फूल रहा है. यहां 2,000 से अधिक परिवार मछली पालन से जुड़े हुए हैं. राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस पर सीएम तमांग ने कहा कि यह क्षेत्र स्वरोजगार, खाद्य सुरक्षा और स्थानीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है. तमांग ने इस मौके पर मछली पालकों को शुभकामनाएं दीं और साथ ही खाद्य सुरक्षा, सतत आजीविका और ग्रामीण आर्थिक विकास के प्रति उनके समर्पण की भी तारीफ की है.

"मछली पालन का राज्य की प्रगति में योगदान"

राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस पर मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने आगे कहा, "मछली पालकों को सरकार के सहयोग ने उन्हें नवाचार और लचीलेपन में अग्रणी होने में सक्षम बनाया है. आज मछली पालन कई लोगों के लिए एक फायदेमंद और स्थायी आजीविका बन गया है, जो राज्य की प्रगति में योगदान दे रहा है." उन्होंने कहा कि टिकाऊ मत्स्य पालन को बढ़ावा देने की सरकार की पहल के कारण रीसर्क्युलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम और बायोफ्लोक जैसी आधुनिक जलकृषि प्रौद्योगिकियों को अपनाया जा रहा है.

सीएम तमांग ने कहा कि सिक्किम के युवा आधुनिक जलीय कृषि तकनीकों को अपनाने में काफी रुचि दिखा रहे हैं. ये मछली पालन क्षेत्र के उज्ज्वल भविष्य का संकेत है. जैविक मछली पालन शुरू करने की सरकार की योजना राज्य के ऑर्गेनिक दृष्टिकोण के अनुरूप है और किसानों के लिए नए बाजार के अवसर भी पैदा करेगी.

मछली पालन में कौन से राज्य आगे

गौरतलब है कि मछली पालन के मामले में अभी भी सिक्किम बहुत पीछे है और यही वजह है कि राज्य सरकार इस क्षेत्र में होती प्रगति को लेकर गदगद है. अगर बात करें मछली पालन को लेकर टॉप 10 राज्यों की तो इसमें सबसे आगे आंध्र प्रदेश है. इसका कारण ये है कि आंध्र प्रदेश के पास एक लंबी तटरेखा है और साथ ही मीठे पानी के भी कई तालाब हैं. यही वजह है कि इस राज्य में समुद्री और अंतर्देशीय दोनों तरह की मछली पालन बड़े स्तर पर संभव हो पाता है.

वहीं पश्चिम बंगाल भारत का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक राज्य है माना जाता है. बंगाल का मछली पालन सेक्टर, भारत के कुल मछली उत्पादन में 17.42 लाख टन का योगदान देता है. पश्चिम बंगाल की कई नदियां, तालाब और झीलें मछली पालन को सुविधाजनक बनाती हैं. यहां हिल्सा मछली सबसे लोकप्रिय है. इसके बाद तीसरे स्थान पर गुजरात है, जहां से देश के कुल मछली पालन में 8.35 लाख टन मछली उत्पादन होता है. वहीं चौथे नंबर पर तमिलनाडु और पांचवे स्थान पर केरल है, जहां से हर साल लगभग 6.85 लाख टन मछली का उत्पादन होता है.

PTI के इनपुट के साथ.

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