Fish Farming: लद्दाख से लेकर पुडुचेरी तक मछली पालन को ऐसे बढ़ावा देगी सरकार, ये है योजना  

Fish Farming: लद्दाख से लेकर पुडुचेरी तक मछली पालन को ऐसे बढ़ावा देगी सरकार, ये है योजना  

Group Fish Farming मछली पालन, पशुपालन, डेयरी राज्यमंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल का कहना है कि नीली क्रांति के विजन से किसानों की इनकम दोगुनी करने में मछली पालन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. क्योंकि आईसीएआर के मछली अनुसंधान संस्थानों द्वारा विकसित इन्नोवेशन और हाईटेक टेक्नोलॉजी ने देशभर में मछली उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. 

नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Jul 11, 2025,
  • Updated Jul 11, 2025, 3:07 PM IST

Group Fish Farming केंद्रीय मछली पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह का कहना है कि आज देश मछुआरों और मछली पालकों की मेहनत के चलते मछली उत्पादन में दूसरे नंबर पर आ गया है. इसमे से 75 उत्पादन इनलैंड फिशरीज में हो रहा है. तीन करोड़ मछुआरे और मछली पालक इससे सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं. इतना ही नहीं केन्द्र सरकार की 38,572 करोड़ रुपये वाली प्रधानमंत्री मछली संपदा योजना (PMMSY) इस सब में मददगार साबित हो रही है. भुवनेश्वर, उड़ीसा में उन्होंने ये बात कही है, और मौका था नेशनल फिश फार्मर डे का. वहीं उन्होंने जानकारी देते हुए ये भी बताया कि PMMSY के तहत 17 नए मछली पालन समूहों की शुरुआत की गई है. ये नए समूह वर्तमान 17 समूहों के अलावा हैं. 

इस तरह देशभर में मछली पालन समूहों की कुल संख्या बढ़कर अब 34 हो गई है. इस दौरान 11 राज्यों के लिए 105 करोड़ रुपये की लागत वाली 70 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी भी किया. वहीं कार्यक्रम के दौरान इस बात पर भी जोर दिया गया कि मछुआरों और मछली पालकों को अपनी इनकम बढ़ाने और अपनी आजीविका को मज़बूत करने के लिए बीमा योजनाओं, गुणवत्तापूर्ण बीजों तक पहुंच, आधुनिक तकनीकों समेत विभिन्न सरकारी सहायता का सक्रिय रूप से लाभ उठाने चाहिए. 

समूह आधारित जल कृषि‍ में कौन राज्य होंगे शामिल 

कार्यक्रम के दौरान समूह आधारित जल कृषि‍ के बारे में केन्द्रीय मंत्री ने घोषणा करते हुए बताया कि  पंजाब और राजस्थान में खारे पानी में जलीय कृषि, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में ठंडे पानी में मछली पालन, पश्चिम बंगाल में शुष्क मछली समूह, पुडुचेरी में मछली पकड़ने का बंदरगाह, नागालैंड में एकीकृत मछली पालन समूह, मणिपुर में पेंगबा मछली क्लस्टर, असम में नदी मछली समूह, मिजोरम में धान सह मछली समूह, अरुणाचल प्रदेश में एक्वा पर्यटन समूह, गोवा में मुहाना पिंजरा समूह, त्रिपुरा में पाबड़ा मछली समूह, महाराष्ट्र में मछली सहकारी समूह और मेघालय में जैविक मछली समूह पर विचार करते हुए 17 नए समूह की पहचान की गई है.

अभी कहां हो रहा है समूह आधारित जल कृषि‍

देश में अभी समूह आधारित जल कृषि‍ हजारीबाग में पर्ल समूह, लक्षद्वीप में समुद्री शैवाल, मदुरै में सजावटी मछली पालन, मध्य प्रदेश में जलाशय मछली पालन, गुजरात में मछली पकड़ने के बंदरगाह, सिरसा में खारे पानी में मछली पालन, जम्मू और कश्मीर में ठंडे पानी में मछली पालन, कर्नाटक में समुद्री पिंजरा पालन, आंध्र प्रदेश में खारे पानी में मछली पालन, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में टूना, छत्तीसगढ़ में तिलापिया, सिक्किम में जैविक मछली पालन, बिहार में आर्द्रभूमि मछली पालन, तेलंगाना में मुर्रेल, केरल में पर्ल स्पॉट, ओडिशा में स्कैम्पी, उत्तर प्रदेश में पंगेशियस शामिल हैं.

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