Lumpy Skin virus Disease : महाराष्ट्र में बढ़ा लंपी वायरस का खतरा, 43 मवेशियों की मौत 

Lumpy Skin virus Disease : महाराष्ट्र में बढ़ा लंपी वायरस का खतरा, 43 मवेशियों की मौत 

लंपी वायरस राजस्थान और गुजरात में गायों में फैलना शुरू हुआ, उसके बाद यह कई राज्यों में फैल गया. फ‍िलहाल जलगांव जिले में 300 से अधिक, धुले में 30, नंदुरबार में 21 पशुधन इस बीमारी से पीड़ित हैं. पिछले साल के बुरे अनुभव के बावजूद इस साल ठीक से टीकाकरण नहीं हो पाया है. 

एक बार फिर बढ़ा लंपी वायरस का खतरा एक बार फिर बढ़ा लंपी वायरस का खतरा
सर‍िता शर्मा
  • Nanded,
  • Aug 24, 2023,
  • Updated Aug 24, 2023, 7:53 PM IST

महाराष्ट्र में मवेशियों में लंपी वायरस का प्रकोप एक बार फिर से बढ़ता जा रहा है. महाराष्ट्र पशुपालन विभाग ने सोमवार को बताया कि इस बीमारी से राज्य में अब तक 43 मवेशियों की जान जा चुकी है. इसे ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र के नांदेड़ जिला प्रशासन ने जानवरों के आने-जाने पर रोक लगा दी है. एक अधिकारी ने कहा क‍ि इसकी रोकथाम के अन्य उपायों के अलावा, मवेशियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं ले जाया जाना जाह‍िए क्योंक‍ि इससे संक्रमण फैलता है. लंपी स्क‍िन बीमारी से संक्रमित जानवरों को बाजार में ब‍िक्री के ल‍िए लाने की भी मनाही की गई है. अधिकारी ने बताया कि नांदेड़ जिले में आने वाले मवेशियों की जिले की सीमा पर जांच की जाएगी.  

लंपी के बढ़ते खतरे को देखते हुए विभाग ने सभी जिलों के अधिकारियों को मवेशियों के टीकाकरण में तेजी लाने का निर्देश द‍िए हैं. राज्य के 21 जिलों में लंपी वायरस का संक्रमण हो चुका है. इस वायरस से हो रही पशुओं की मौत से सरकार च‍िंत‍ित है. इससे पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य के पशुपालन विभाग के अधिकारियों को सतर्क रहने और मवेशियों में लंपी वायरस के संक्रमण को रोकने का निर्देश दिया था. 

टीकाकरण का काम है धीमा 

मुख्यमंत्री ने राज्य के पशुपालन अधिकारियों को वायरस पर नजर रखते हुए अपने क्षेत्रों में मौजूद रहने को कहा है. बता दें कि यह वायरस राजस्थान और गुजरात में गायों में फैलना शुरू हुआ, उसके बाद यह कई राज्यों में फैल गया है. इस बीच, जलगांव जिले में 300 से अधिक, धुले में 30, नंदुरबार में 21 पशुधन इस बीमारी से पीड़ित हैं. पिछले साल के कड़वे अनुभव के बावजूद इस साल टीकाकरण नहीं हो पाया है. जलगांव जिले में पिछले महीने तीन लाख टीके मिले थे. प्रशासन ने यह खुलासा नहीं किया है कि उनमें से कितने का उपयोग पशुधन के लिए किया गया था. 

ये भी पढ़ें- एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने के ख‍िलाफ बंद रहेंगी नास‍िक की प्याज मंड‍ियां, गुस्से में क‍िसान और व्यापारी 

क्या है लंपी स्क‍िन ड‍िजीज 

लंपी स्किन बीमारी एक वायरल रोग है. यह वायरस पॉक्स परिवार का है. बताया गया है क‍ि लंपी स्किन बीमारी मूल रूप से अफ्रीकी बीमारी है और अधिकांश अफ्रीकी देशों में है. माना जाता है कि इस बीमारी की शुरुआत 1929 में जाम्बिया में हुई थी, जहां से यह दक्षिण अफ्रीका में फैल गई. वर्ष 2012 के बाद से इसका फैलाव बहुत तेजी से हुआ. मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व, यूरोप, रूस, कजाकिस्तान, बांग्लादेश में 2019 में, भूटान, नेपाल में 2020 में जबक‍ि भारत में अगस्त, 2021 और 2022 में मामले पाए गए थे. प‍िछले साल अपने यहां बड़ी संख्या में पशु इसके श‍िकार हुए. लंपी मुख्य तौर पर संकर नस्ल के गौवंश को ज्यादा प्रभाव‍ित करती है.

ये भी पढ़ें- Onion Export: प्याज की खेती का बादशाह है भारत, 75 देशों में लगता है भारतीय 'कांदा' का तड़का

MORE NEWS

Read more!