सेक्स सॉर्टेड सीमेन (Sex Sorted Semen) एक ऐसी तकनीक है जिसका इस्तेमाल करने से 90 फीसद उम्मीद बछिया पैदा होने की होती है. देश में इसका इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन उसका नंबर बहुत कम है. वजह है सीमेन का महंगा होना. दूसरा ये कि ज्यादातर पशुपालक वक्त रहते गाय-भैंस की हीट का सही समय पर पता नहीं लगा पाते हैं. और कई बार सेक्स सॉर्टेड सीमेन से कृत्रिम गर्भाधान (AI) कराने के बाद भी पशु गाभिन नहीं हो पाता है. इस तरह से लागत बढ़ जाती है. लेकिन जल्द ही पशुपालकों को अपने ही गांव या उसके आसपास सेक्स सॉर्टेड सीमेन की सस्ती स्ट्रा मिलना शुरू हो जाएगा.
नेशनल डेयरी डवलपमेंट बोर्ड (NDDB) इस दिशा में काम कर रहा है. बोर्ड के चेयरमैन मीनेश शाह ने किसान तक से बातचीत के दौरान ये जानकारी दी है. आम सीमेन की तरह से ही सेक्स सॉर्टेड सीमेन की स्ट्रा भी आसानी से मिलेगी. साथ ही उन्होंने जानकारी देते हुए कहा है कि आने वाले छह से आठ साल में भारत 300 मिलियन टन दूध का उत्पादन करने लगेगा. जबकि बीते साल 2022-23 में 231 मिलियन टन हुआ था.
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मीनेश शाह का कहना है कि अभी तक यूएस की दो कंपनियां सेक्स सॉर्टड सीमेन में इस्तेमाल होने वाली टेक्नोलॉजी (मशीन) तैयार कर रही हैं. ये कीमत के मामले में बहुत महंगी हैं. यही वजह है कि बाजार में पशुपालकों को करीब एक हजार रुपये में सेक्स सॉर्टड सीमेन की स्ट्रा मिलती है. अब अगर एक की जगह दो या फिर तीन स्ट्रा में गाय-भैंस गाभिन हुई तो ये पशुपालक को बहुत महंगा पड़ेगा.
कई बार पशु की हीट का अंदाजा ना होने के चलते इन सब हालात का सामना करना पड़ता है. इसलिए एनडीडीबी प्लान कर रही है कि हम अपने चार सीमेन स्टेशन के लिए ये मशीन खरीदेंगे. फिर वहां सेक्स सॉर्टड सीमेन की स्ट्रा तैयार होंगी. और जैसे गांव-गांव आम सीमेन की स्ट्रा पशुपालक को मिल जाती है तो इसकी स्ट्रा भी मिल जाया करेगी. हमारी कोशिश होगी कि इसकी कीमत 300 से 500 रुपये के बीच ही रहेगी.
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पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2019-20 से अब तक सेक्स सॉर्टेड सीमेन की 89 लाख डोज तैयार की गई हैं. राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत ये अभियान चल रहा है. मंत्रालय का दावा है कि सेक्स सॉर्टेड सीमेन की डोज की कामयाबी की बात करें तो ये 90 फीसद है. इस हिसाब से चार साल में अब तक करीब 72 लाख बछिया पैदा हो चुकी हैं. इसकी एक डोज की कीमत एक हजार रुपये से लेकर 14 सौ रुपये तक है. साथ ही सरकार की ओर से इस पर 50 फीसद की सब्सिडी दी जाती है या फिर गर्भधारण सुनिचिश्त होने पर 750 रुपये दिए जाते हैं.