Goat Farming: 35 से 60 किलो वजन तक के ये बकरे बकरीद पर जमकर कराएंगे कमाई, जानें डिटेल 

Goat Farming: 35 से 60 किलो वजन तक के ये बकरे बकरीद पर जमकर कराएंगे कमाई, जानें डिटेल 

आम दिनों में बाजार में बिकने वाले मीट के लिए बकरे का वजन कोई मायने नहीं रखता है. उल्टे कम वजन वाले बकरे को वरीयता दी जाती है. खासतौर पर 20 से 25 किलो वजन तक के बकरे को पसंद किया जाता है. लेकिन बकरीद के मौके पर ज्यादा वजन वाले बकरे ही ज्यादा खरीदे जाते हैं. देश में जहां 55 से 60 किलो वजन की नस्ल वाले बकरे भी हैं तो 30 से 35 किलो वजन तक के बरबरी और ब्लैक बंगाल नस्ल के बकरे भी खूब बिकते हैं. 

नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Feb 01, 2024,
  • Updated Feb 01, 2024, 5:00 PM IST

कुर्बानी के त्यौहार बकरीद में करीब चार महीने बाकी हैं. लेकिन कुर्बानी के लिए बकरों की तैयारी अभी से शुरू हो जाती है. ये वो वक्त है जब बकरा बाजार के लिए डिमांड के हिसाब से बकरे तैयार किए जाते हैं. क्योंकि कुर्बानी वाले बकरे के मीट को बांटा जाता है और कोशिश यही होती है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को मीट का हिस्सा मिल जाए, इसलिए बकरीद के लिए वजनदार बकरे की तलाश की जाती है. हालांकि आमतौर पर हाट या बाजार में 40 से 50-55 किलो तक के बकरे की खूब डिमांड होती है. 

लेकिन वजन के साथ ही ये भी जरूरी है कि वो वजनदार बकरा कुर्बानी की दूसरी शर्तों को भी पूरा करता हो. अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर बकरा चाहें कितना भी वजनदार हो कोई उसके लागत वाले रेट भी नहीं देगा. अगर आपके पास भी अच्छे बकरे हैं और वो कुर्बानी की शर्तां को पूरा करते हैं तो चार महीने में उन्हें खिला-पिलाकर हेल्दी और वजनदार बना सकते हैं. ऐसे बकरों के इस मौके पर मुंह मांगे दाम मिलते हैं.   

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60 किलो वजन तक जाता है यूपी-राजस्थान का ये बकरा 

अलवर, राजस्थांन में एक गांव है जखराना. इसी गांव के नाम पर बकरे-बकरी की एक नस्ल को जखराना के नाम से जाना जाता है. इस नस्ल  को खासतौर पर दूध और मीट के लिए ही पाला जाता है. देखने में जखराना के बकरे ही नहीं बकरियां भी ऊंची और लम्बी-चौड़ी नजर आती हैं. जखराना के बकरे 55 से लेकर 58 किलो वजन तक के तो पाए जाते ही हैं, लेकिन कभी-कभी 60 किलो और उससे ज्यादा वजन तक के भी मिल जाते हैं. बकरी का वजन 45 किलो तक होता है. जखराना की पहचान उसकी लम्बाई-चौड़ाई तो है ही, साथ में इनका काला रंग और मुंह समेत कान पर सफेद रंग के धब्बे भी होते हैं. देश में करीब 9 लाख के आसपास इनकी संख्या  है. 

गुजरात में धूम रहती है इस खास नस्ल के बकरे की 

गोहिलवाड़ी नस्ल के बकरे खासतौर पर गुजरात के राजकोट, जूनागढ़, पोरबंदर, अमरेली और भावनगर में पाए जाते हैं. देश में इनकी कम संख्या कम है, इसलिए इस नस्ली के बकरे और बकरियां बहुत ही मुश्किल से मिलते हैं. गोहिलवाड़ी नस्ल का बकरा 50 से 55 किलो वजन तक और बकरी 40 से 45 किलो तक की पाई जाती है. इनका रंग काला होता है और सींग मुड़े हुए मोटे होते हैं. 

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वजन 35 किलो, लेकिन डिमांड सबसे ज्यादा 

बरबरी नस्ल का बकरा वजन में 30 से 35 किलो तक का पाया जाता है. बकरीद के मौके पर खासतौर से यूपी में बरबरी बकरे बहुत बिकते हैं. अरब देशों से भी बरबरी नस्ल के बकरे की खूब डिमांड आती है. बरबरी बकरे को मीट के लिए बहुत पसंद किया जाता है. बकरीद के दौरान लाइव बरबरे बकरे भी सऊदी अरब, कतर, यूएई, कुवैत के साथ ही ईरान-इराक में सप्लाई किए जाते हैं. देश में भी बकरीद के मौके पर लोग कुर्बानी के लिए बरबरे बकरे तलाशते हैं. 

 

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