राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, करनाल (NBAGR) के मुताबिक मुर्गी, भेड़-बकरी, गाय-घोड़े और सूअर की आठ नई नस्ल रजिस्टर्ड की गई हैं. इसमे अंडमान निकोबार की बकरी, बत्तख और सूअर हैं तो महाराष्ट्र का घोड़ा और उत्त्राखंड की गाय भी शामिल हैं. रजिस्डर्ट हुए पशु-पक्षियों में इस बार गुजरात की मुर्गी भी शामिल हैं. ये एक देसी नस्ली की मुर्गी है. खास बात ये है कि इसे मीट के लिए पाला जाता है. वहीं बत्तख की बात करें तो पूरे साल अंडे देती है. ब्यूरो की इस नई लिस्ट के बाद देश में रजिस्टर्ड पशु और पक्षियों की संख्या बढ़ गई है.
गौरतलब रहे एनबीएजीआर पशुओं की नई नस्ल को रजिस्टर्ड करने का काम करता है. गोट, शीप, बफैलो, एवियन रिसर्च सेंटर आदि भेड़-बकरी, गाय-भैंस पर रिसर्च करने के बाद उसकी रिपोर्ट ब्यूरो को भेजते हैं. ब्यूरो उस पशु-पक्षी को हर पैमाने पर जांचने के बाद रजिस्टर्ड करता है.
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एनबीएजीआर की रिपोर्ट के मुताबिक अंडमान से एक बत्तख भी रजिस्टर्ड की गई है. ये बत्तख किसानों के लिए दो तरह से फायदेमंद है. एक तो ये मीट के लिए पाली जाती है, दूसरा ये अंडे भी खूब देती है. एक साल में 266 अंडे देने का रिकार्ड दर्ज किया गया है. इसका वजन 1406 ग्राम तक होता है. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के निम्बूडेरा से डिगलीपुर में ये बत्तख पाई जाती है. इसकी पहचान ये है कि पूरा शरीर काले पंखों से ढका होता है और गर्दन के नीचे सफेद निशान पेट तक फैला होता है. बकरी की बात करें तो अंडमानी बकरी एक मध्यम आकार का जानवर है, जिसे मीट के लिए पाला जाता है.
अंडमानी सुअर मुख्य रूप से मांस के लिए पाला जाता है. ये सूअर मजबूत और मध्यम आकार के होते हैं. रंग ज्यादातर काला और कभी-कभी जंग लगे भूरे रंग का होता है. ये तेज धावक होते हैं. इनका वजन औसत वयस्क शरीर पर मेल का 71 किलोग्राम और फीमेल का 68 किलोग्राम होता है.
गुजरात की अरावली मुर्गी को रजिस्टर्ड किया गया है. अरावली नाम की ये मुर्गी खास चिकन और अंडे के लिए पाली जाती है. गुजरात के बनासकांठा, साबरकांठा, अरावली और महिसागर जिलों में इसे खूब पाला जा रहा है. खासतौर पर बैकयार्ड पोल्ट्री के तहत इसका पालन किया जा रहा है. भेड़ की माचेरला नस्ल रजिस्टर्ड की गई है. ये नस्ल आंध्र प्रदेश के गुंटूर, कृष्णा और प्रकाशम जिले और तेलंगाना के कई इलाकों में पाई जाती है. इसका पालन ऊन नहीं मीट के लिए किया जाता है. यह साइज में मीडियम आकार की होती है. शरीर, चेहरे और पैरों पर बड़े काले और भूरे धब्बों के साथ इसका रंग सफेद होता है. मेल भेड़ का वजन औसत वयस्क शरीर पर 43 किलोग्राम तक होता है.
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एनबीएजीआर की लिस्ट में भीमथड़ी घोड़ा भी है. ये घोड़ा महाराष्ट्र के पुणे, सोलापुर, सतारा और अहमदनगर जिले में पाया जाता है. इस घोड़े की औसत ऊंचाई लगभग 130 सेमी और घोड़ी की 128 सेमी होती है. भीमथड़ी घोड़ों का इस्तेमाल मुख्य रूप से पशुपालक लोगों के प्रवास के दौरान घरेलू सामान ढोने के लिए किया जाता है. गाय की बात करें तो उत्तराखंड की गाय रजिस्टर्ड की गई है. इसे फ्राइज़वाल नाम दिया गया है. ये नस्ल साहीवाल (37.5) और होल्स्टीन फ़्रीशियन (62.5) का क्रास है. ये एक सिंथेटिक डेयरी मवेशी है, जिसे सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च ऑन कैटल, मेरठ द्वारा विकसित किया गया है. यह नस्ल देश के कृषि-जलवायु क्षेत्रों के लिए बहुत फायदेमंद है.
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