डेंगू बीमारी के दौरान अचानक से बकरियों के दूध की डिमांड बढ़ जाती है. 500 रुपये से लेकर एक हजार रुपये लीटर तक में बकरी का दूध बेचा जाता है. बड़े-बड़े अस्पतालों के बाहर दूध बेचने वाले खड़े रहते हैं. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्था़न (सीआईआरजी), मथुरा के डायरेक्टर का भी दावा है कि बकरियों का दूध डेंगू ही नहीं और भी कई बीमारियों में बहुत ही फायदेमंद है. गौरतलब रहे करीब 40 साल से सीआईआरजी बकरियों पर रिसर्च कर रहा है. साथ ही साइंटीफिक तरीके से कैसे बकरी पालन किया जाए इसकी ट्रेनिंग भी देता है.
बरबरी नस्ल की बकरियों का ब्रीडिंग सेंटर चलाने वाले राशिद उल हक का कहना है कि देश में आनलाइन बकरी का पाश्चराइज्ड दूध 200 ग्राम की बंद बोतल में 35 से 40 रुपये का बिक रहा है. अभी अमूल, मदर डेयरी समेत और बड़ी कंपनियों ने बकरी के दूध कारोबार में कदम नहीं रखें हैं, लेकिन जिस दिन ऐसा हुआ तो इस दूध की डिमांड और बढ़ जाएगी.
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सीआईआरजी के डायरेक्टर मनीष कुमार चेटली ने किसान तक को बताया कि बकरी का दूध सिर्फ दूध ही नहीं दवाई भी है. इसके बहुत सारे गुण ऐसे हैं जो दवाई का काम करते हैं. जैसे डेंगू में बकरी का दूध कितना असरदार है यह तो सभी जानते हैं. लेकिन इसके साथ ही कैंसर और हार्ट के मरीजों को भी बकरी का दूध फायदा पहुंचाता है. लेक्टोज की मात्रा कम होने के चलते डायबिटीज के मरीजों को भी फायदा पहुंचाता है. साथ ही पेट की कई बीमारियों में फायदा करता है. आंत की बीमारी कोलाइटिस में भी बहुत ही फायदेमंद है.
मनीष कुमार चेटली ने यह भी बताया कि खासतौर से बच्चों में बकरी का दूध इतना फायदेमंद है कि यूरोप में बच्चों के लिए बनने वालीं 95 फीसद दवाइयों में बकरी का दूध इस्तेमाल किया जाता है. इसकी एक सबसे बड़ी वजह यह भी है कि बकरी के दूध में वीटा क्रेजिन होता है. जबकि गाय के दूध में अल्फा क्रेजिन पाया जाता है. इसलिए बकरी का दूध पीने से बच्चों को किसी भी तरह की एलर्जी नहीं होती है. और इसी वजह से डॉक्टर भी बच्चों के लिए बकरी का दूध ही बताते हैं.
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केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 में बकरी के दूध का 62.61 लाख मिट्रिक टन उत्पादन हुआ था. यह भारत में कुल दूध उत्पादन का 3 फीसद हिस्सा है. देश में इस साल दूध का कुल उत्पादन 210 मिलियन मीट्रिक टन हुआ है. जबकि साल 2014-15 में 51.80 लाख मीट्रिक टन दूध का उत्पादन हुआ था. साल 2018 से 2020 तक जरूर बकरी के दूध उत्पादन में मामूली गिरावट आई थी. लेकिन फिर से बकरी का दूध कारोबार अपनी रफ्तार पर है.
नोट- आंकड़े टन में है.
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