अमेरिका हर रोज अजीब फैसले ले रहा है. उसके इस तरह के ज्यादातर फैसले भारत के संबंध में लिए जा रहे हैं. फैसले भारत में चर्चाओं का विषय बने हुए हैं. हाल ही में अमेरिका ने भारत से एक करोड़ अंडों की खरीद की है. बीते जून में अंडों से भरे कंटेनर अमेरिका को एक्सपोर्ट कर दिए गए हैं. लेकिन अमेरिका ने ये अंडे अपने पैट यानि कुत्ते और बिल्लियों के लिए मंगाए हैं. उसने भारतीय अंडों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि वो अमेरिका के लोगों के खाने लायक नहीं हैं. उसने कहा है कि भारत में तैयार अंडे बीमारी फ्री नहीं हैं. इसलिए यहां के अंडे अमेरिका में सिर्फ जानवरों को खिलाए जा सकते हैं. 
 पहली बार भारत से क्यों खरीदे अंडे? 
 - अमेरिका के पोल्ट्री फार्म बर्ड फ्लू की चपेट में आ गए थे. 
  - अमेरिका के ज्यादातर पोल्ट्री फार्म बर्ड फ्लू से बर्बाद हो चुके हैं.
  - अमेरिका के बाजारों में अंडों की लगातार कमी बनी हुई है. 
  - अमेरिका में अंडों की कीमत बहुत ज्यादा हो गई हैं. 
  - अमेरिका के एक स्टोर से अंडे चोरी की खबर भी सामने आई थी. 
  - अमेरिका का पोल्ट्री बाजार सामान्य होने में अभी एक से डेढ़ साल लगेगा.  
 
जनता के लिए अंडे क्यों नहीं खरीद रहा अमेरिका? 
 - इंटरनेशनल ऐग कमीशन (IEC) के प्रेसिडेंट सुरेश आर. चित्तूरी ने इसके पीछे कई वजह बताई हैं. 
  - देश में 14 हजार करोड़ अंडों का उत्पादन हुआ था, लेकिन एक्सपोर्ट न के बराबर है. 
  - क्वालिटी न मिलने के चलते बहुत सारे देश भारत से अंडे नहीं खरीदते हैं. 
  - भारतीय अंडा डिजीज फ्री घोषित नहीं है, खासतौर से पैथोजिन फ्री.  
  - कांट्रेक्ट में तय वजन और साइज सप्लाई करने में हेराफेरी की जाती है. 
 
अमेरिका के अंडा खरीदने से क्या होगा फायदा?
 - IEC प्रेसिडेंट सुरेश आर. चित्तूरी ने इसके कई बड़े फायदे बताए हैं. 
  - अमेरिका के भारत से अंडा खरीदने का बड़ा असर बाजार पर पड़ेगा. 
  - हमे पब्लिसिटी कर इसका फायदा उठाना चाहिए. 
  - पोल्ट्री सेक्टर, सरकार मिलकर दूसरे देशों को बताएं कि अमेरिका भी हमसे अंडे खरीद रहा है. 
  - अमेरिका द्वारा अंडे खरीदने से बाजार में भारत के लिए भरोसा कायम होगा. 
  - अभी अमेरिका ने अपने पालतू जानवरों के लिए अंडों की खरीद की है. 
  - जिस तरह के वहां हालात हैं तो अमेरिका लगातार अंडों की खरीद कर सकता है. 
  - अगर हमने क्वालिटी और रेट पर काम किया तो अमेरिका का अंडा बाजार भारत के लिए खुल सकता है. 
 
निष्कर्ष-
 ये कोई पहला मौका नहीं है जब किसी दूसरे देश ने भारत से अंडों की खरीद की है. इससे पहले मलेशिया, मालदीव, श्रीलंका और बांग्लादेश अंडों की खरीद कर चुके हैं. लेकिन पहली बार खरीदने के बाद कोई दोबारा खरीदने नहीं आता है. इसलिए जरूरत है कि अंडों की क्वालिटी और बीमारियों को रोकने पर काम किया जाए. 
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