Indian Dairy: गर्मी शुरू होते ही पशुपालन मंत्रालय ने पीने के पानी को लेकर कही ये बड़ी बात 

Indian Dairy: गर्मी शुरू होते ही पशुपालन मंत्रालय ने पीने के पानी को लेकर कही ये बड़ी बात 

पानी ना पीने पर किस तरह की परेशानी हो सकती है. पानी की कमी से होने वाली परेशानियों के लक्षण क्या हैं. परेशानी होने पर किस तरह के नुकसान उठाने पड़ते हैं. लेकिन पीने के पानी का ख्याल रखा जाए तो पशु को बीमार होने और उत्पादन कम होने के नुकसान से बचा जा सकता है. 

पशुओं को नहीं पिलाना चाहिए अधिक पानीपशुओं को नहीं पिलाना चाहिए अधिक पानी
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Mar 11, 2025,
  • Updated Mar 11, 2025, 11:47 AM IST

गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है. ये वो मौसम है जिसके शुरू होते ही क्या इंसान और क्या पशु सभी के लिए एडवाइजरी जारी की जाती है. खासतौर पर पीने के पानी को लेकर. आधा मार्च बीतने को है और तापमान अब लगातार बढ़ेगा, इसी को देखते हुए पशुपालन मंत्रालय ने पशुओं के लिए पीने के पानी को लेकर कुछ बड़ी बात कही हैं. उसका कहना है कि पानी पशुओं के लिए जीवन है. इंसानों की तरह से पशुओं के लिए भी पानी जरूरी है. स्वस्थ पानी का मतलब स्वस्थ पशु है. एनीमल एक्सपर्ट की मानें तो गर्मी में पशु सबसे ज्यादा परेशान रहता है. तेज गर्मी के चलते पशु तनाव में आ जाता है. गर्मी में ही हरे चारे की कमी होने लगती है. 

कई बार पीने का पानी नुकसान भी पहुंचाने लगता है. इसी नुकसान के चलते पशुओं का दूध उत्पादन भी कम हो जाता है. पशु बीमार भी हो जाते हैं. जिसके चलते इलाज पर होने वाले खर्च की वजह से दूध की लागत बढ़ जाती है. इसी को देखते हुए मंत्रालय ने बताया है कि गर्मी के मौसम में पशुओं के लिए साफ और ताजा पानी पीना क्यों जरूरी है.  

अभी से ऐसे रखना शुरू कर दें पीने के पानी का ख्याल 

  • पशुओं को बार-बार पानी दिखाते रहें, फिर वो चाहें पीएं या नहीं. 
  • जहां तक मुमकिन हो पशुओं को ताजा और ठंडा पानी ही पिलाएं.
  • पशुओं के शरीर पर दिन में कम से कम तीन बार पानी छिड़कें. 
  • पशुओं को सूखी तूड़ी 30 और हरा चारा 70 फीसद तक खिलाएं. 
  • शाम को भिगोकर रखी गई तूड़ी पशुओं को सुबह ही खिलाएं. 
  • पशुओं को ताजा तूड़ी खिलाने से पहले उसे भिगो लें. 
  • गर्मियों में पशुओं को सुबह-शाम नहलाना बहुत जरूरी है. 
  • जहां पशु बांधे जाते हैं वहां भी पानी का छिड़काव करें. 
  • पशुओं को दोपहर के वक्त छायादार जगह पर बांधना चाहिए. 
  • पानी की कमी होने पर पशु को नमक-चीनी का घोल पिलाएं. 
  • पशु के सामने हमेशा नमक की ढेली रखें, इसे चाटने से प्यास लगती है. 

पशुओं में पानी की कमी को ऐसे पहचानें

जब पशुओं में पानी की कमी हो जाती है तो कई तरह के लक्षण से इसे पहचाना जा सकता है. जैसे पशुओं को भूख नहीं लगती है. सुस्ती और कमजोर हो जाना. पेशाव गाढ़ा होना, वजन कम होना, आंखें सूख जाती हैं, चमड़ी सूखी और खुरदरी हो जाती है और पशुओं का दूध उत्पादन भी कम हो जाता है. और सबसे बड़ी पहचान ये है कि जब हम पशु की चमढ़ी को उंगलियों से पकड़कर ऊपर उठाते हैं तो वो थोड़ी देर से अपनी जगह पर वापस आती है.

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