Cage Free Egg Poultry एनजीओ समेत तमाम संस्थाओं की सरकार ने अगर ये बात मान ली तो तय मानिए कि आम जनता को महंगी कीमत पर अंडे खरीदने पड़ेंगे. सात रुपये में मिलने वाले अंडे के लिए 25 रुपये तक चुकाने पड़ सकते हैं. क्योंकि पशु-पक्षियों के कल्याण के लिए काम करने वाली एनजीओ सरकार से पोल्ट्री फार्म में बदलाव की मांग कर रही हैं. उनकी मांग है कि पोल्ट्री फार्म केज फ्री बनाए जाएं. अंडे देने वाली मुर्गियों को केज के बजाए खुले मैदान में पाला जाए. उन्हें चलने-फिरने और घूमने के लिए जरूरत के मुताबिक जगह दी जाए.
क्या होता है केज फ्री अंडा?
- अंडा देने वाली मुर्गियों को केज (पिंजरे) में रखा जाता है.
- एनजीओ की मांग है कि उन्हें केज फ्री रखा जाए.
- एक बड़े केज में चार मुर्गियों के लिए छोट ब्लॉक बनाए जाते हैं.
- एक ब्लॉक का साइज 15 सेंटी मीटर लंबा और 18 सेंटी मीटर चौड़ा होता है.
- एक ब्लॉक की ऊंचाई 15 सेंटी मीटर होती है.
- केज फ्री यानि खुले में मुर्गियों को रखने के मानक भी तय हैं.
- जैसे खुले में एक मुर्गी को एक बाई एक मीटर जगह की जरूरत होती है.
- एनजीओ का आरोप है कि केज में रखना मुर्गियों का उत्पीड़न है.
- इसके लिए एनजीओ विदेशों में हो रहे मुर्गी पालन का उदाहरण देती हैं.
केज फ्री अंडा प्रोडक्शन से क्या नुकसान होंगे?
- पोल्ट्री एक्सपर्ट रिकी थापर ने केज फ्री अंडा उत्पादन के नुकसान बताए है.
- भारत में जगह की कमी और महंगे रेट को देखते हुए केज फ्री अंडा प्रोडक्शनद नामुमकिन सा है.
- केज फ्री अंडा प्रोडक्शन के लिए केज के मुकाबले तीन गुना जगह की जरूरत होगी.
- केज वाले पोल्ट्री फार्म में अंडा देने वालीं 50 हजार मुर्गियां पाली जा रही हैं.
- तो केज फ्री होने पर उतनी ही जगह में सिर्फ 17 हजार मुर्गियां ही पाली जा सकेंगी.
- गांव हो या शहर हर जगह जमीन की कीमतों बहुत ऊंची हैं.
- छोटे पोल्ट्री फार्मर के लिए ज्यादा और महंगी जमीन पर मुर्गी पालना संभव नहीं है.
- पोल्ट्री फार्म केज फ्री होने से प्रोडक्शन पर बड़ा असर पड़ेगा.
- आज कल अंडाउत्पादन के लिए हाईटेक पोल्ट्री केज आ रहे हैं.
- हाईटेक फार्म में अंडा आटोमेटिक तरीके से एक जगह जमा होने लगता है.
- मुर्गियों की बीट भी एक बटन ऑन करते ही ट्रॉली में जमा होने लगती है.
- दोनों ही काम के लिए बहुत ज्यादा कर्मचारियों की जरूरत नहीं पड़ती है.
- जबकि केज फ्री होने पर अंडा एक-एक करके हाथ से जमा करना होगा.
- वहीं केज फ्री होने पर बीट भी कर्मचारियों को हाथ से उठानी पड़ेगी.
- केज फ्री होने का असर अंडा खाने वालों पर भी पड़ेगा.
- आज अंडे की लागत पांच रुपये आ रही है.
- केज फ्री होते ही उसी एक अंडे की लागत 15 रुपये तक हो जाएगी.
- वहीं ब्रॉउन अंडा 25 रुपये तक का हो जाएगा.
निष्कर्ष-
केज फ्री पोल्ट्री फार्म होने से अंडे का उत्पादन कम हो जाएगा. अंडे के दाम बढ़ जाएंगे. गरीब लोगों की पहुंच से अंडा दूर हो जाएगा. अंडा आज देश में कुपोषण और प्रोटीन की कमी को दूर करने में अहम रोल निभा रहा है.
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