Milk Production: नई रिपोर्ट के मुताबिक 24 से 25 करोड़ टन हो गया देश में दूध उत्पादन, ये है बड़ी वजह

Milk Production: नई रिपोर्ट के मुताबिक 24 से 25 करोड़ टन हो गया देश में दूध उत्पादन, ये है बड़ी वजह

Milk Production in India देश में दूध उत्पादन लगातार बढ़ रहा है. देश में करीब 10 करोड़ लोग दूध उत्पादन के काम में लगे हुए हैं. इसमे से 75 फीसद महिलाएं हैं. आज हमारे देश में प्रति व्यक्ति के हिस्से में 485 ग्राम दूध आ रहा है. साल 2025 में कुल दूध उत्पादन में एक करोड़ टन दूध की बढ़ोतरी हो चुकी है. साथ ही ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि पांच साल बाद ये आंकड़ा 30 करोड़ टन पर पहुंच जाएगा. 

नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Dec 04, 2025,
  • Updated Dec 04, 2025, 7:38 AM IST

Milk Production in India भारत विश्व में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक देश है. बीते करीब ढाई दशक से भी ज्यादा वक्त से भारत दूध उत्पादन में नंबर वन बना हुआ है. कई बड़े देश इस मामले में भारत से पीछे हैं. दूसरे नंबर पर यूएसए है, लेकिन दूसरे नंबर पर होने के बाद भी उसका उत्पादन बहुत कम है. साल 2024-25 में 24 करोड़ टन दूध का उत्पादन हुआ था. जबकि एक बार फिर इस साल दूध उत्पादन बढ़कर 25 करोड़ टन हो गया है. डेयरी एक्सपर्ट की मानें तो दूध उत्पादन बढ़ने के पीछे सबसे बड़ी वजह राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM) योजना है. 

इस योजना के चलते ही पशुओं की नस्ल में सुधार हो रहा है. पशुओं का दूध उत्पादन बढ़ रहा है. खुद केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन सिंह लोकसभा में दूध उत्पादन बढ़ने के पीछे इस योजना का जिक्र कर चुके हैं. अब इसी आरजीएम योजना के भरोसे ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले पांच साल में दूध उत्पादन 30 करोड़ टन पर पहुंच जाएगा. 

ऐसे मिला आरजीएम योजना का फायदा 

केन्द्रीय मंत्री राजीव रंजन की मानें तो आरजीएम योजना का मकसद देशी नस्लों का विकास और संरक्षण, गोजातीय आबादी का आनुवंशिक विकास, गोजातीय पशुओं दूध उत्पादन और उत्पादकता में बढ़ोतरी करना है. ऐसा करके किसानों के लिए दूध उत्पादन को फायदेमंद बनाया जा सकता है. आरजीएम साल 2014 में शुरू की गई योजना है. साल 2021-2022 से 2025-2026 तक के लिए इसे संशोधि‍त कर दिया गया है.

योजना के तहत टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए टिकाऊ तरीके से गोजातीय पशुओं की उत्पादकता बढ़ाना और दूध उत्पादन बढ़ाने का काम चल रहा है. प्रजनन के मकसद से उच्च आनुवंशिक योग्यता वाले सांड भी तैयार किए जा रहे हैं. इतना ही नहीं प्रजनन नेटवर्क को मजबूत करके किसानों के घर पर कृत्रिम गर्भाधान सेवाएं प्रदान कर कृत्रिम गर्भाधान कवरेज को बढ़ाना है. साथ ही देशी गायों तथा भैंसों के पालन को बढ़ावा भी दिया जा रहा है.

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