
Dairy Animal Insurance खुरपका-मुंहपका, लंपी, थनैला, मिल्क फीवर और लंगड़ा बुखार आदि वो बीमारियां हैं जो पशु की जान तक ले लेती हैं. इन बीमारियों के चलते ही पशुओं का दूध उत्पादन कम हो जाता है. बीमारियों का असर पशुओं की प्रजनन क्षमता पर भी पड़ता है. इन सब के चलते ही पशुपालकों की लागत बढ़ जाती है और आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. इसी को देखते हुए मंगला पशु बीमा योजना शुरू की गई है. योजना का शुभारंभ आज से कर दिया गया है. पशुपालकों को इससे बड़ा फायदा मिलेगा. योजना की शुरुआत करते हुए राजस्थान सरकार ने ज्यादा से ज्यादा पशुपालकों से इसका फायदा उठाने की अपील की है.
सरकार ने योजना के तहत 21 लाख पशुओं का फ्री बीमा किए जाने का लक्ष्य रखा है. पशुपालन, गोपालन और देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत का कहना है कि मंगला पशु बीमा योजना साल 2025-26 के लिए शुरू की गई है. योजना के तहत पहला बीमा अजमेर जिले के जीरोता गांव की पशुपालक सुरता देवी की दो भैंसों का किया गया है.
योजना की शुरुआत करते हुए मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि इस वर्ष बीमा के कार्य में स्पीड और सरलता लाने के मकसद से योजना की प्रक्रिया में कुछ बदलाव किए गए हैं. जैसे इस बार पहले आओ पहले पाओ के आधार पर पशुओं का बीमा करने का काम होगा. वहीं पिछले साल बीमा का काम लॉटरी निकालकर किया गया था. इस साल एक और खास काम ये होगा कि पशु चिकित्सक और सर्वेयर एक साथ काम करेंगे. दोनों मिलकर पशुओं का हैल्थ सर्टिफिकेट और जारी होने वाली बीमा पॉलिसी के कागज एक साथ दिए जाएंगे. इससे जहां पशुपालकों को योजना का फायदा मिलने में आसानी होगी तो साथ ही पशु चिकित्सक और सर्वेयर के काम करने में भी स्पीड आएगी.
मंत्री जोराराम कुमावत ने योजना की जानकारी देते हुए बताया कि आज से राजस्थान के हर राजस्व गांव में योजना बनाकर शिविर लगाए जाएंगे. गांव-गांव कैम्प लगाने से ज्यादा से ज्यादा पशुपालक शुरुआती दौर में ही योजना का लाभ उठा सकें. योजना के नियमों के अनुसार इस साल एक पशुपालक दो गाय, दो भैंस या फिर एक गाय और एक भैंस, 10 ऊंट, 10 भेड़ या 10 बकरियों का फ्री बीमा करवा सकते हैं. इतना ही नहीं पशुपालक कैम्प लगने से पहले या कैम्प के दौरान खुद भी पशु बीमा के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे. इसके लिए मंगला पशु बीमा योजना 25-26 का मोबाइल एप लॉन्च कर दिया गया है. ये मोबाइल एप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है. इस एप की मदद से आधार का इस्तेमाल कर पशुओं का रजिस्ट्रेशन कुछ ही मिनटों में किया जा सकता है. पशुपालक ई- मित्र की मदद से भी 30 रुपये जमा कर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
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