Animal Care in Winter: दुधारू पशुओं के लिए खास होता है दिसम्बर, चारे और एनिमल शेड का ऐसे करें इंतजाम

Animal Care in Winter: दुधारू पशुओं के लिए खास होता है दिसम्बर, चारे और एनिमल शेड का ऐसे करें इंतजाम

Animal Care in Winter दिसम्बर में ठंड के चलते वक्त रहते हुए कुछ ऐहतियाती कदम उठाकर इस तरह की परेशानी और आर्थिक नुकसान से बचा जा सकता है. साथ ही पशु हेल्दी भी रहेंगे. समय-समय पर सरकार और संबंधित विभाग की ओर से भी एडवाइजरी जारी की जाती है. एनिमल एक्सपर्ट की सलाह लेकर घर पर ही कुछ जरूरी कदम उठाकर पशुओं को राहत दी जा सके. 

milking cowmilking cow
नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Dec 02, 2025,
  • Updated Dec 02, 2025, 11:21 AM IST

Animal Care in Winter दिसम्बर और जनवरी में कड़ाके की सर्दी पड़ती है. पाला भी इन्हीं दो महीने में पड़ता है. इसलिए एनिमल एक्सपर्ट बताते हैं कि कड़ाके की सर्दी और खानपान के चलते दिसम्बर का महीना पशुओं की देखभाल के लिहाज से बहुत ही खास होता है. इस दौरान सिर्फ दूध उत्पादन के लिहाज से ही पशुओं की देखभाल जरूरी नहीं होती है. बल्कि यही वो वक्त होता है जब गाय-भैंस हीट में आती हैं. इतना ही नहीं गर्मी के मौसम में गाभिन कराए गए पशु इस महीने बच्चा देते हैं. और तो और गाय-भैंस की सबसे ज्यादा खरीद-फरोख्त भी खासतौर से अक्टूबर से लेकर फरवरी तक होती है. 

क्योंकि दिसम्बर में सर्दी ज्यादा होती है तो इस दौरान पशु बीमार भी होते हैं. इसके लिए सरकारी स्कीम का फायदा उठाया जा सकता है. पशुओं के टीकाकरण के अलावा केन्द्र और राज्यों की सरकार पशुपालकों की मदद के लिए कई तरह की योजनाएं चलाती हैं. पशु स्वस्थ केन्द्रों पर सुविधा देने के साथ ही पशु चिकित्सक घर आकर पशु का इलाज करने आते हैं. हैल्प लाइन पर भी सिर्फ एक कॉल करने पर ही डॉक्टर और पैरा वैट की टीम पहुंच जाती है. 

एक्सपर्ट के इन टिप्स से नहीं घटेगा दूध 

  • संतुलित आहार देने के साथ ही मिनरल मिक्चर भी जरूर दें.
  • बरसीम के साथ सूखा चारा मिलाकर खिलाएं, नहीं तो अफरा हो सकता है.
  • दिसम्बर में कड़ाके की ठंड होती है, इसलिए पशुओं को बचाने का इंतजाम कर लें. 
  • सर्दी के मौसम में ज्यादातर भैंस हीट में आती हैं, ऐसा होते ही पशु को गाभिन कराएं. 
  • भैंस को मुर्राह नस्ल के नर से या नजदीकी केन्द्र पर कृत्रिम गर्भाधान कराएं. 
  • भैंस बच्चा देने के 60-70 दिन बाद दोबारा हीट में ना आए तो जांच कराएं. 
  • गाय-भैंस को हीट में लाने के लिए मिनरल मिक्चर जरूर खिलाएं. 
  • पशुओं को बाहरी कीड़ों से बचाने के लिए दवाई का छिड़काव करें.  
  • दुधारू पशुओं को थैनेला रोग से बचाने के लिए डाक्टर की सलाह लें. 
  • पूरा दूध निकालने के बाद पशु के थन कीटाणु नाशक घोल में डुबाएं.
  • जाड़ों में बरसीम की फसल में 15 से 20 दिन के अंतर पर पानी लगाएं. 
  • जई की फसल में पहला पानी 20 से 25 दिन  पर लगाएं.  
  • बछड़े को बैल बनाने के लिए छह महीने की उम्र पर उसे बधिया करा दें.
  • डॉक्टर की सलाह पर पशुओं को पेट के कीड़ों की दवाई खिलाएं.

ये भी पढ़ें- Poultry India Expo: हैदराबाद में अंडे-मुर्गी को ब्रांड बनाने पर हो रही चर्चा, जानें क्या है वजह

ये भी पढ़ें-  जरूरत है अंडा-चिकन को गांव-गांव तक पहुंचाकर नया बाजार तैयार किया जाए-बहादुर अली

MORE NEWS

Read more!