
Animal Care in Winter दिसम्बर और जनवरी में कड़ाके की सर्दी पड़ती है. पाला भी इन्हीं दो महीने में पड़ता है. इसलिए एनिमल एक्सपर्ट बताते हैं कि कड़ाके की सर्दी और खानपान के चलते दिसम्बर का महीना पशुओं की देखभाल के लिहाज से बहुत ही खास होता है. इस दौरान सिर्फ दूध उत्पादन के लिहाज से ही पशुओं की देखभाल जरूरी नहीं होती है. बल्कि यही वो वक्त होता है जब गाय-भैंस हीट में आती हैं. इतना ही नहीं गर्मी के मौसम में गाभिन कराए गए पशु इस महीने बच्चा देते हैं. और तो और गाय-भैंस की सबसे ज्यादा खरीद-फरोख्त भी खासतौर से अक्टूबर से लेकर फरवरी तक होती है.
क्योंकि दिसम्बर में सर्दी ज्यादा होती है तो इस दौरान पशु बीमार भी होते हैं. इसके लिए सरकारी स्कीम का फायदा उठाया जा सकता है. पशुओं के टीकाकरण के अलावा केन्द्र और राज्यों की सरकार पशुपालकों की मदद के लिए कई तरह की योजनाएं चलाती हैं. पशु स्वस्थ केन्द्रों पर सुविधा देने के साथ ही पशु चिकित्सक घर आकर पशु का इलाज करने आते हैं. हैल्प लाइन पर भी सिर्फ एक कॉल करने पर ही डॉक्टर और पैरा वैट की टीम पहुंच जाती है.
ये भी पढ़ें- Poultry India Expo: हैदराबाद में अंडे-मुर्गी को ब्रांड बनाने पर हो रही चर्चा, जानें क्या है वजह
ये भी पढ़ें- जरूरत है अंडा-चिकन को गांव-गांव तक पहुंचाकर नया बाजार तैयार किया जाए-बहादुर अली