
Poultry India Expo एक बार फिर हर साल की तरह से हैदराबाद में 17वें पोल्ट्री इंडिया एक्सपोर्ट का आयोजन किया जा रहा है. पोल्ट्री इंडिया के इस इवेंट की शुरुआत 25 नवंबर को नॉलेज डे से होगी. जहां देश और विदेश के आठ से ज्यादा एक्सपर्ट पोल्ट्री से जुड़े इश्यू पर चर्चा करेंगे. नॉलेज डे में करीब छह से ज्यादा विषयों पर चर्चा होगी. पोल्ट्री एक्सपर्ट दावा करते हैं कि ये साउथ एशिया का सबसे बड़े पोल्ट्री एक्सपो है. पोल्ट्री इंडिया के नॉलेज डे और एक्सपो में करीब 50 देशों के पोल्ट्री एक्सपर्ट और कारोबारी हिस्सा लेते हैं.
तीन दिन चलने वाले एक्सपो में 500 से ज्यादा कंपनियां आती हैं. वहीं इस एक्सपो को देखने के लिए तीन दिन में 50 हजार से ज्यादा पोल्ट्री सेक्टर से जुड़े दर्शक पहुंचेंगे. तीन दिन का एक्सपो 26 नवंबर से लेकर 28 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा. पोल्ट्री इंडिया एक्सपो हाईटेक्स एक्सपो सेंटर में आयोजित किया जा रहा है.
उदय बयास के मुताबिक पहले दिन होने वाले नॉलेज डे में छह टॉपिक पर चर्चा होगी. इसमे पोल्ट्री साइंस, फीड और बायोसिक्योरिटी में लेटेस्ट इनसाइट्स टॉपिक को पहले सेशन में शामिल किया गया है. वहीं दूसरी ओर एग्री इकोनॉमिक्स, वेटेरिनरी साइंस और EC हाउसिंग टॉपिक पर दूसरे सेशन में चर्चा होगी. चर्चा करने वालों में देश ही नहीं विदेशों के एक्सपर्ट भी शामिल रहेंगे. नॉलेज डे की थीम पावरिंग ग्लोबल, पोल्ट्री इनोवेशन रखी गई है.
IPEMA (पोल्ट्री इंडिया) के प्रेसिडेंट उदय सिंह बयास का कहना है कि केन्द्र और राज्यों सरकारों से पोल्ट्री को मजबूत करने की लगातार अपील की जा रही है. आज पोल्ट्री सेक्टर कई क्षेत्रों में जिम्मेदारी के साथ अपनी भूमिका निभा रहा है. देश की फूड सिक्योरिटी, युवाओं को रोजगार और देशवासियों के लिए जरूरी और प्रोटीन की कमी को दूर करने के लिए न्यूट्रीशन पर काम कर रहा है. पोल्ट्री सेक्टर हर साल 100 करोड़ रुपये का योगदान देता है. लेकिन 1.35 लाख करोड़ रुपये की लागत वाला पोल्ट्री सेक्टर आज कई मुद्दों से जूझ रहा है.
खासतौर पर पोल्ट्री फीड को लेकर सेक्टर की परेशानी बढ़ती ही जा रही है. सोया मील और पोल्ट्री उपकरणों पर जीएसटी के बोझ से ये परेशानी और बढ़ रही है. अगर सरकार कीमतों को स्थिर करने, किफायती फीड सुनिश्चित करने और खासतौर से प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को लोन देने की सीमा का विस्तार करके लोन देने के नियमों तक आम पोल्ट्री किसान की पहुंच को आसान बनाना होगा.
सोया मील और प्रोसेसिंग से जुड़ी मशीनरी पर जीएसटी में छूट दी जाए.
पोल्ट्री फीड को कंट्रोल करने के लिए मक्का इंपोर्ट करने की अनुमति दी जाए.
पशु रोगों से निपटने के लिए फास्ट-ट्रैक वैक्सीन आयात प्रोटोकॉल लागू हो.
बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए स्कूली भोजन में अंडा शामिल किया जाए.
डिमांड वाले देशों में पोल्ट्री प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए "फोकस सेक्टर" की जरूरत है.
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